२८१~ शिल्पी शर्मा प्रधानाध्यापिका मॉडल प्राइमरी स्कूल एलमपुर विकास क्षेत्र-लोधा, अलीगढ़

      🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से बेसिक शिक्षा की अनमोल रत्न शिक्षिका बहन शिल्पी शर्मा और उनके सहयोगी विद्यालय परिवार से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और टीम वर्क के महत्व को आत्मसात करते हुए विद्यालय को आपसी सामंजस्य और विश्वास का केन्द्र बना दिया।
जहाँ आज बेसिक शिक्षा अनेकों व्यवहारिक समस्याओं के बीच एक ऐसा अव्यवहारिक समस्या से जूझ रहा है जो विद्यालय परिवार को एक ऐसे नकारात्मक माहौल में समा देता है जहाँ से निकालना आज सबसे बड़ी चुनौती है। वह है शिक्षकों का आपसी सामंजस्य। आज बेसिक शिक्षा के अनेकों विद्यालय इस समस्या की भयंकर बीमारी की चपेट में हैं जिसका सीधा असर विद्यालय और बच्चों के विकास तथा विश्वास पर पड़ रहा है। स्थिति यह है कि एक शिक्षक ही दूसरे को आगे बढ़ने और कुछ करने में सबसे बड़ा बाधक बन रहा है। यदि इस स्थिति में सुधार होकर ऐसे शिक्षक साथी सकारात्मक सोच के साथ आपसी सामंजस्य बना लें तो हमें विश्वास है कि बेसिक शिक्षा के 50% विद्यालय वर्तमान परिस्थितियों में ही आदर्श स्थिति में पहुँचकर शिक्षा के उत्थान और शिक्षक के सम्मान के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। हम मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से शिल्पी बहन जी एवं विद्यालय परिवार के सभी सहयोगियों को कोटि-कोटि नमन करते हैं कि उन्होंने हम सबके लिए आपसी सामंजस्य का अनुकरणीय और प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।





















आइये देखते हैं विद्यालय परिवार द्वारा आपसी सहयोग और सामन्जस्य से किए गये कुछ प्रेरक कार्यों को:-


मैं शिल्पी शर्मा प्रधानाध्यापिका मॉडल प्राइमरी स्कूल एलमपुर विकास क्षेत्र-लोधा, अलीगढ़ में कार्यरत हूँ। वर्तमान विद्यालय में मेरी व मेरे चार साथियों की नियुक्ति 3 वर्ष पूर्व दिनांक 19 मार्च-2015 को अंग्रेजी माध्यम द्वारा संचालित पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के पहले दो विद्यालय में से एक एलमपुर में चयन उपरांत हुई। उस समय विद्यालय में छात्र संख्या-343 थी। हमारे द्वारा अंग्रेजी माध्यम होने के प्रचार-प्रसार किए जाने के कारण नामांकन में आशानुरूप वृद्धि हुई वर्तमान में विद्यालय में छात्र संख्या- 442 है। जो हमारे पूरे स्टाफ के कड़े परिश्रम का फल (परिणाम )है।
5 अध्यापकों के साथ लगभग 450 बच्चों को लेकर चलना यूँ तो चुनौतीपूर्ण था किंतु हमारे लिए यह गर्व का विषय भी था कि अभिभावकों ने हम पर विश्वास करके प्राइवेट संस्थानों से नाम कटवाकर हमारे यहाँ प्रवेश दिलाया हमने भी उनके इस विश्वास को कायम रखा है।
विद्यालय का प्रांगढ़ तो काफी बड़ा था किंतु उसमें भौतिक सुविधाओं का अभाव था जैसे प्रधानाध्यापक कक्ष, कक्षा में अध्यापकों व बच्चों के बैठने की व्यवस्था, पंखे इत्यादि।
सर्वप्रथम इन कमियों को पूरा करते हुए ब्लैक बोर्ड के साथ व्हाइट बोर्ड लगवाए गए साथ ही साथ कमरों व बाहरी इमारत को रंग बिरंगी ज्ञानवर्धक चित्रकारी से बच्चों व अध्यापकों द्वारा सजाया गया जिसमें श्रीमती वीनस सहायक अध्यापक व श्रीमती वंदना गौड़ का विशेष योगदान रहा। प्रारंभ से ही ऑडियो, वीडियो, लैपटॉप के माध्यम से मेरे व श्रीमती नीना शर्मा द्वारा खेल-खेल में शिक्षा कविताएँ आदि सिखायी गयीं। जिससे बच्चे रोमांचित होकर इसमें रुचि ले रहे हैं। इसे मूर्त रूप देते हुए इसी वर्ष जुलाई माह में आईसीटी पर आधारित स्मार्ट क्लास का उद्घाटन माननीय जिलाधिकारी महोदय द्वारा किया गया। जिसमें विशेष सहयोग हमारे उच्च प्राथमिक विद्यालय एलमपुर के प्रधानाध्यापक श्री वीरेंद्र सिंह जी का रहा। साथ ही साथ हमारे विद्यालय के सहायक अध्यापक श्री सतीश सिंह द्वारा डाटा एकत्रित करके उसे बच्चों के अनुरूप सृजित किया जहाँ बच्चे प्रोजेक्टर व LCD के माध्यम से प्राइवेट संस्थानों से बेहतर ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।
छात्रों के सर्वांगीण विकास में खेल की महत्वपूर्ण भूमिका है जिसमें सतीश सिंह (व्यायाम शिक्षक) के निर्देशन में बालकों ने ब्लॉक स्तरीय के साथ-साथ जनपद स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में लगातार 2 वर्षों से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है । "खूब खेलो, खूब पढ़ो" उक्ति को चरितार्थ करते हुए जिले का पहला बैडमिंटन कोर्ट सभी अध्यापकों के सहयोग से निर्मित किया गया है।

इसी आशा के साथ एलमपुर प्रगति की दिशा में हमेशा आगे बढ़े ----
मिशन शिक्षण संवाद टीम की छोटी सी साथी शिल्पी शर्मा😊

संकलन: यतेन्द्र सिंघल जी
मिशन शिक्षण संवाद अलीगढ़

👉नोट:- आप अपने मिशन परिवार में शामिल होने, आदर्श विद्यालय का विवरण भेजने तथा सहयोग व सुझाव को अपने जनपद सहयोगियों को अथवा मिशन शिक्षण संवाद के वाट्सअप नम्बर-9458278429 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

निवेदक: विमल कुमार
05-12- 2018

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