ई-मेल

आओ प्यारे बच्चों आओ,
क्या होता ई-मेल, सुनो!

समझ न पाए तो अब समझो,
क्या होता ई-मेल सुनो!

आया है ई-मेल चीन से
खबर गई जापान में,
भैया ने ई-मेल किया तो
लगा कि बोले कान में।
दिल से दिल को मिला रहा जो
अजब-अनोखा खेल, सुनो!

क्या होता ई-मेल, सुनो!

फ़ोटो इसमें भेज़ो अपनी,
पल में देश-विदेश जी
सरपट दौड़े यहाँ वहाँ यह
जैसे कोई रेस जी
नयी-नयी तकनीक है इसमें
ग़ज़ब का है ई-मेल सुनो।

अमरीका से पापा लिखते-
बोलो, कैसी तबीयत है?
मम्मी ने ई-मेल पढ़ा तो
लिखा कि अब तो राहत है।
झटपट-झटपट बात कराए,
जादूगर ई-मेल, सुनो!

बिना टिकट का एक लिफाफा
पल में चक्कर काटे,
लिखे प्यार की बातें,
सबकी ही सुख-दुख जो बाँटें।
दूत यही है नए जमाने
का प्यारा ई-मेल, सुनो!

आओ प्यारे बच्चों आओ
क्या होता ई-मेल सुनो।

रचयिता
रघुनाथ द्विवेदी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गुरौली, 
जनपद-कौशाम्बी।

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