सुमित्रानंदन पंत
पुण्यतिथि विशेष
28 दिसम्बर 1977
प्रकृति की गोद मे पला सुकुमार कवि
सृजक साहित्य का साधक कहलाता है ।
कौसानी अल्मोड़ा में जन्मा था 1900 में
सुमित्रानंदन पंत का कविता से नाता है।
छायावादी युग के चार स्तम्भों में पन्त की कविता का रंग ही निराला था।
निसर्ग उपादानों का प्रतीक प्रतिबिम्ब यह
प्रकृति को दुल्हन के रूप में ढाला था।
पल्लव, चिदम्बरा, लोकायतन महाकाव्य
सत्यम शिवम सुंदरम की अभिव्यक्ति करता।
देवभाषा, अंग्रेजी, हिंदी
और बंगला के पन्त रहे श्रेष्ठ अध्ययनकर्ता।।
1938 रूपाभ का सम्पादन कार्य जो प्रगतिशील मासिक पत्रिका।।
आध्यात्मिक चेतना अरविंद के आश्रम से आकाशवाणी में रहे परामर्शदाता।
पद्मभूषण 61 में ज्ञानपीठ 68 में
साहित्य अकादमी सम्मान से अलंकृत।
सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार और ज्ञानपीठ उच्च श्रेणी सम्मान से सम्मानित।
28 दिसम्बर सन 1977 को प्रयागराज में देहावसान हुआ पन्त का।
नमन है कोटिशः वंदन अनेकोबार कविता साहित्य सेवी पन्त से सन्त का।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
28 दिसम्बर 1977
प्रकृति की गोद मे पला सुकुमार कवि
सृजक साहित्य का साधक कहलाता है ।
कौसानी अल्मोड़ा में जन्मा था 1900 में
सुमित्रानंदन पंत का कविता से नाता है।
छायावादी युग के चार स्तम्भों में पन्त की कविता का रंग ही निराला था।
निसर्ग उपादानों का प्रतीक प्रतिबिम्ब यह
प्रकृति को दुल्हन के रूप में ढाला था।
पल्लव, चिदम्बरा, लोकायतन महाकाव्य
सत्यम शिवम सुंदरम की अभिव्यक्ति करता।
देवभाषा, अंग्रेजी, हिंदी
और बंगला के पन्त रहे श्रेष्ठ अध्ययनकर्ता।।
1938 रूपाभ का सम्पादन कार्य जो प्रगतिशील मासिक पत्रिका।।
आध्यात्मिक चेतना अरविंद के आश्रम से आकाशवाणी में रहे परामर्शदाता।
पद्मभूषण 61 में ज्ञानपीठ 68 में
साहित्य अकादमी सम्मान से अलंकृत।
सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार और ज्ञानपीठ उच्च श्रेणी सम्मान से सम्मानित।
28 दिसम्बर सन 1977 को प्रयागराज में देहावसान हुआ पन्त का।
नमन है कोटिशः वंदन अनेकोबार कविता साहित्य सेवी पन्त से सन्त का।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
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