देश हमारा
देश हमारा, हमको प्यारा।
सुन्दर है परिवेश हमारा।
आदि हिमालय, गंगा पावन।
घाटी पर्वत सब मन भावन।
मंदिर तीरथ महिमा न्यारी,
दिव्य संस्कृति अपनी प्यारी।
वेद सनातन ज्ञान की धारा,
आत्म तत्व का है उजियारा।
प्रकृति मनोरम, मन को भाये,
धरती सुख समृद्धि उगाये।
सत्य अहिंसा करुणा गाथा,
सुनकर झुकता सादर माथा।
त्याग तप, आदर्श हमारा।
रामकृष्ण का देश हमारा।
सबकी गरिमा, मान बराबर,
समता पथ है, सबका आदर।
लोकतंत्र है जिसका शासन,
जनहित में विधि का शासन।
गणतंत्र राष्ट्र है भारत प्यारा,
संविधान है जिसका न्यारा।
मिलकर उन्नत देश बनाएँ,
अपना हम दायित्व निभाएँ।
फैले ज्ञान समुज्ज्वल सारा,
विकसित होवे देश हमारा।
नये ज्ञान का हो उजियारा,
अँचल अँचल प्यारा प्यारा।।
देश हमारा, हमको प्यारा।
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
सुन्दर है परिवेश हमारा।
आदि हिमालय, गंगा पावन।
घाटी पर्वत सब मन भावन।
मंदिर तीरथ महिमा न्यारी,
दिव्य संस्कृति अपनी प्यारी।
वेद सनातन ज्ञान की धारा,
आत्म तत्व का है उजियारा।
प्रकृति मनोरम, मन को भाये,
धरती सुख समृद्धि उगाये।
सत्य अहिंसा करुणा गाथा,
सुनकर झुकता सादर माथा।
त्याग तप, आदर्श हमारा।
रामकृष्ण का देश हमारा।
सबकी गरिमा, मान बराबर,
समता पथ है, सबका आदर।
लोकतंत्र है जिसका शासन,
जनहित में विधि का शासन।
गणतंत्र राष्ट्र है भारत प्यारा,
संविधान है जिसका न्यारा।
मिलकर उन्नत देश बनाएँ,
अपना हम दायित्व निभाएँ।
फैले ज्ञान समुज्ज्वल सारा,
विकसित होवे देश हमारा।
नये ज्ञान का हो उजियारा,
अँचल अँचल प्यारा प्यारा।।
देश हमारा, हमको प्यारा।
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
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