सूक्ष्म जीव
जिन जीवों को नग्न आँखों से,
देख नहीं हम सकते हैं।
सूक्ष्मदर्शी से ही ये दिखते,
सूक्ष्म जीव इन्हें कहते हैं।।
ये होते सर्वव्यापी भैया,
हवा पानी मिट्टी में हों।
जन्तु और पौधों के अंदर,
मृतोपजीवी परजीवी हों।।
जीवाणु विषाणु कवक प्रोटोज़ोआ
शैवाल भी इसमें आते है।
ये देते हैं लाभ बहुत
और हानियाँ भी पहुँचाते है।।
एंटअमीबा हिस्टोलिटिका,
के द्वारा पेचिस होता।
जैन्थोमोनास साईट्री द्वारा,
नींबू में कैंकर होता।।
रचयिता
साकेत बिहारी शुक्ल,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय -कटैया खादर,
विकास खण्ड-रामनगर,
जनपद-चित्रकूट।
मोबाइल-9695712961
देख नहीं हम सकते हैं।
सूक्ष्मदर्शी से ही ये दिखते,
सूक्ष्म जीव इन्हें कहते हैं।।
ये होते सर्वव्यापी भैया,
हवा पानी मिट्टी में हों।
जन्तु और पौधों के अंदर,
मृतोपजीवी परजीवी हों।।
जीवाणु विषाणु कवक प्रोटोज़ोआ
शैवाल भी इसमें आते है।
ये देते हैं लाभ बहुत
और हानियाँ भी पहुँचाते है।।
एंटअमीबा हिस्टोलिटिका,
के द्वारा पेचिस होता।
जैन्थोमोनास साईट्री द्वारा,
नींबू में कैंकर होता।।
रचयिता
साकेत बिहारी शुक्ल,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय -कटैया खादर,
विकास खण्ड-रामनगर,
जनपद-चित्रकूट।
मोबाइल-9695712961
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