क्रिसमस

क्रिसमस का पावन त्यौहार,
25 दिसम्बर को हर बार।
पिता जोसेफ और माँ मैरी,
सन्तान उनकी ईशु मसीह।

प्रभु ईशु का जन्मदिन आये,
सारा संसार खुशी से मनाये।
रब का कोई फरिश्ता था,
सभी के दुखों को बाँटता था।

उन्ही का देवदूत अब भी आता,
बच्चों को भी खूब लुभाता।
जिंगल बेल्स गाता फिरता,
सांता क्लॉज वो कहलाता।

शीत ऋतु में क्रिसमस आता,
सांता क्लॉज बच्चों को भाता।
बच्चे करते उनका इंतजार,
सांता लुटायें ढेर  सारा प्यार।

सांता क्लॉज जब भी आता,
बच्चों के लिए उपहार लाता।
मानवता का संदेश है देता,
मिलजुलकर रहना सिखाता।

क्रिसमस ट्री तुम भी सजाना,
टॉफ़ी, चॉकलेट खूब लटकाना।
दुःख दर्द सारे भूल जाना,
प्यार से सबको गले लगाना।

तोहफे खुशियों के लाता है,
हर बचपन मुस्काता है।
जो बच्चों पर प्यार लुटाये,
वही उनका सांता क्लॉज बन जाए।

सांस्कृतिक अवकाश पाते हैं,
उससे पहले स्कूल सजाते हैं।
बच्चों में खुशियाँ बाँटी जाती,
उनकी मुस्कान दिल को भाती।

"मैरी क्रिसमस" कहकर बधाई देते,
एक-दूजे को उपहार हैं देते।
विश्व भर में मनाया जाता,
हृदय पवित्र होता जाता।

हर रोज क्रिसमस है,
अगर दिलों में प्यार है।
दुःख दर्द सब कम लगे,
जब मिलजुलकर हम चले।

रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।

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