62/2025, बाल कहानी- 12 अप्रैल


बाल कहानी- डर
-----------------

रामसिंह नामक किसान के दो बेटे थे। दोनों बेटे पिता के साथ खेती में हाथ बँटाते थे। 
एक दिन रामसिंह की तबीयत खराब हो गई। रामसिंह ने अपने दोनों बेटों से कहा, "बेटा! तुम दोनों चले जाओ और जो हमने खेत में मक्का की फसल बोई है, उसकी रखवाली करो, नहीं तो कोई भी जानवर आयेगा और फसल खा जायेगा।"
यह बात सुनकर दोनों बेटों ने कहा, "पिताजी! हम भरी दोपहर में मक्का की रखवाली करने नहीं जायेंगे। हमने सुना है कि दिन में चकरोड पर भूत निकलते हैं, जो लोगों को पकड़ कर मारते हैं और फिर आदमी खेतों में गिरा मिलता है।"
रामसिंह ने कहा, "ऐसा नहीं है बेटा! मेरा पूरा जीवन निकल गया है। वह तो दोपहर में रेत का गुबार उड़ता है। मैं हमेशा तुम्हारे साथ नहीं रह सकता हूँ। तुम्हें अब अकेले जाकर सब कुछ देखना और सँभालना है और उस डर को दूर कर उसका सामना करना है, जिससे तुम डर रहे हो। आज तुम दोनों भाई जाकर मक्का की रखवाली करो और मुझे बताना कि तुमने क्या देखा।" आखिरकार दोनों भाई पिता की बात मानकर खेत पर गये। दोनों भाई खेत में बनी मढैया पर बैठकर मक्का की रखवाली करने लगे। दोपहर के बाद शाम हो गई। धूल का गुबार उड़ा, मगर उन्हें कुछ नहीं हुआ। शाम को दोनों भाई घर आये। 
दोनों भाइयों ने पिताजी से कहा, "पिताजी! कोई भूत-वूत नहीं था, सिर्फ मन का वहम था। आप सही कह रहे थे।"
रामसिंह ने कहा, "बच्चो! अगर आज तुम अकेले नहीं जाते तो तुम्हारे मन में सदैव डर बना रहता। जब-तक हम किसी चीज का सामना नहीं करते हैं, तब तक हमें वास्तविकता का पता नहीं चलता है।" आज तुम दोनों को समझ में आ गया है कि डर के आगे जीत है। चलो, मेरे प्यारे बच्चों! रात हो गई है। हम खाना खाएँ, और सब लोग खाना खाने चले गये।

#संस्कार_सन्देश - 
डर के आगे सदैव जीत होती है, हमें हिम्मत से काम लेना चाहिए।

शालिनी (स०अ०) 
प्रा० वि० रजवाना
सुल्तानगंज, मैनपुरी

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

Comments

Total Pageviews

1167531