55/2025, बाल कहानी - 03 अप्रैल


बाल कहानी- गुलाब
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एक बार की बात है, एक रेगिस्तान में दो पौधे थे- एक था गुलाब का और दूसरा था नागफनी का। गुलाब बहुत ही सुन्दर था और उसकी पँखुड़ियाँ जीवन से भरी हुई थीं। उसे अपने रूप पर बहुत गर्व था। गुलाब नागफनी की बदसूरती का मजाक उड़ाता था, जबकि नागफनी चुप रहता था। दूसरे अन्य पौधे गुलाब को कुछ समझाने की कोशिश करते थे लेकिन वह बहुत अधिक घमण्डी थी। उस पर किसी के समझाने का असर नहीं होता था।
गर्मियों के आगमन पर रेगिस्तान सूखा पड़ गया और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। पानी के अभाव में गुलाब अपनी सुन्दरता खोने लगा, परन्तु नागफनी पर सूखे का कोई असर नहीं हुआ।
अब गुलाब नागफनी को ऐसे देखा करता था जैसे कोई पक्षी पानी के लिए घड़े को देखता। कई छोटे-छोटे पक्षी नागफनी के तने में एकत्रित जल से अपने जीवन को बचाने लगे।
अब गुलाब को अपनी गलतियों पर शर्मिन्दगी महसूस हुई। उसने नागफनी से माफी माँगते हुए थोड़ा पानी माँगा। नागफनी ने माफ कर दिया और उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गया। एक दोस्त की तरह नागफनी ने पूरी गर्मियों में गुलाब को पानी दिया और गुलाब के जीवन की रक्षा की।

#संस्कार_सन्देश -
हमें कभी भी किसी को उसके रूप-रंग की जगह उसके गुणों से आँकना चाहिए। हर किसी में कोई न कोई खास गुण होता है और हमें किसी को भी छोटा नहीं समझना चाहिए। 

कहानीकार-
#एम_एस_मधुवन (स०अ०)
प्रा० वि० सुल्तानपुर पलनापुर 
वि० ख०- कायमगंज (फर्रुखाबाद)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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