58/2025, बाल कहानी- 07 अप्रैल


बाल कहानी - राम नवमी
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आज सुकन्या की माँ बहुत सवेरे ही उठ गई। जब सुकन्या उठी तो उसने देखा कि माँ नहा-धोकर बिल्कुल तैयार लग रही थीं। सुकन्या ने पूछा, "माँ! क्या हम कहीं जा रहे हैं?" माँ ने उत्तर दिया, "नहीं, सुकन्या! आज रामनवमी है और आज हमारे घर कन्या-पूजन का कार्यक्रम भी है।" 
सुकन्या सोच में पड़ गई। सुकन्या सोचने लगी कि, "मेरी माँ आठ दिन से माता रानी की पूजा कर रही हैं। मगर आज ऐसा खास क्या है?" सुकन्या ने अपनी माँ से पूँछा, "माँ! मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है। क्या आप मुझे इसके बारे में बता सकती हो?"
सुकन्या की माता ने कहा, "सुनो बिटिया! आज का दिन भगवान राम के जन्म के रूप में मनाया जाता है और यह त्यौहार चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन ठीक दोपहर बारह बजे अभिजित मुहुर्त में अयोध्या में राजा दशरथ के यहाँ कौशल्या के गर्भ से भगवान राम का जन्म हुआ था। उसी दिन सुमित्रा के गर्भ से लक्षण और शत्रुघ्न तथा केकैयी के गर्भ से भरत का जन्म हुआ था।"
सुकन्या ने कहा, "अच्छा माँ! और बतायें इनके बारे में?" 
माँ ने कहा, "बिटिया! श्रीराम सहित चारों भाई जब गुरु बशिष्ठ से गुरुकुल में पढ़ाई कर जब घर आये तो कुछ दिन बाद विश्वामित्र के उनके आश्रम पर गये। वहाँ जाते समय मार्ग में ताड़का और सुबाहु का वध किया और शिला बनी अहिल्या का उद्धार किया। फिर जनकपुर में राजा जनक और उनके भाई की पुत्रियों से श्रीराम सहित चारों भाईयों का विवाह हुआ। विवाह के बाद केकैयी के द्वारा दो वरदान माँगने से श्रीराम लक्ष्मण और जानकी सहित चौदह वर्ष के लिए वन चले गये। वन में वे अनेक ऋषि-मुनियों से मिले और वहाँ उन्होंने अनेक राक्षसों का संहार किया। फिर सीता-हरण के पश्चात उन्होंने समस्त वानरी सेना को इकठ्ठा कर सुग्रीव और हनुमान की सहायता से रावण सहित समस्त राक्षसों का वध किया और सीता, लक्ष्मण सहित अयोध्या लौट आये। इस दिन भगवान राम की पूजा की जाती है और उनका जन्म-दिन मनाया जाता है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्र भी खत्म हो जाते हैं। मेरी प्यारी बिटिया रानी! समझ गई?" 
"हाँ, माँ! मैं समझ गयी।" माँ ने कहा, "तो जल्दी से तैयार हो जाओ! हमें भगवान राम के जन्म-दिन की तैयारी करनी है और तुम्हें आज सब कन्याओं के साथ कन्या-भोज भी ग्रहण करना है।" सुकन्या ने कहा, "ठीक है, माँ!" माँ सुकन्या को तैयार करने के लिए चल पड़ीं। आज दो-दो त्योहार जो मनाने थे।

#संस्कार_सन्देश -
भगवान राम का जन्मोत्सव हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे प्रेमपूर्वक मनाना चाहिए।"

कहानीकार-
#शालिनी (स०अ०)
प्रा० वि० रजवाना
सुल्तानगंज, मैनपुरी

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद #दैनिक_नैतिक_प्रभात

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