महिला सशक्तीकरण विशेषांक-322
*👩👩👧👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-322*
*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष एवं सफलता की कहानी*
(दिनाँक-20.04.2025)
नाम:-नीतू सिंह
पद:- प्रधानाध्यापक
विद्यालय:- प्राथमिक विद्यालय सिधांव-प्रथम, असोथर, फतेहपुर
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*👇
●प्रथम नियुक्ति - 15-12-2009
★ वर्तमान नियुक्ति - 14-05-2016 प्रधान-अध्यापिका पद पर
☆ प्रारम्भिक परिचय - सेवारम्भ के प्रथम वर्ष में मूल निवास प्रयागराज से कार्यस्थल : आवागमन
प्रयागराज, दारागंज निज-निवास, जहाँ-पिता जिला संपरीक्षा - अधिकारी ( उ. प्र. राज्य कर्मचारी) माता- गृहणी, दो अग्रज जिसमें एक बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक, और दूसरे अग्रज अपना व्यवसाय, एक बड़ी बहन जिनकी शादी हो चुकी है। सेवा के प्रथम वर्ष के उपरान्त बांदा जनपद में विवाह हुआ। पति निजी क्षेत्र में शिक्षण कार्य-स्त हैं। विवाह के दो वर्षों के
उपरान्त युगल-पुत्र रत्न की प्राप्ति ।
★ विद्यालय जीवन की समस्याएं - आवास से विद्यालय का अत्यधिक दूर होना, खराब मार्ग एवं अपर्याप्त परिवहन संसाधन, तत्पश्चात् विद्यालय पहुंचने हेतु साधन की अनुपलब्धता के चलते पदयात्रा (6 किमी. प्रतिदिन) कई मजरों से मिलकर बनी ग्राम-पंचायत के किसी एक मजरे में स्थित विद्यालय में प्रतिदिन छात्र-उपस्थिति एवं अभिभावक संपर्क में एक बड़ी चुनौती का सामना करना, फिर भी छात्र-उपस्थिति बेहतर करने हेतु अभिभावक सम्पर्क कार्य करते हुए भी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण कार्य हेतु प्रयासरत रहना।
छः वर्ष उपरान्त पदोन्नत होते हुये वर्तमान विद्यालय प्रा० वि० सिधांव-प्रथम, वि० ख० - असोथर में प्रधानाध्यापिका पद का दायित्व सम्भालते ही कतिपय नई चुनौतियों का सामना करना, जिनमें से प्रमुख हैं—
●आवास से विद्यालय का अत्यधिक दूर होना
●विद्यालयी-स्टाफ द्वारा मानसिक रूप से एक महिला प्रधानाध्यापिका के रूप में मुझे स्वीकार न कर पाना।●विद्यालयी क्रिया-कलापों के संचालन में स्टाफ का सम्पूर्ण सहयोग न मिल पाना।
* इन समस्त चुनौतियों का क्रमश: धीरे-2 समाधान किया गया, जिस क्रम में विद्यालयी स्टाफ के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करते हुए एक सुन्दर, सहज, सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया जिससे विद्यालयी कार्यों एवं शिक्षण कार्य में गुणात्मक सुधार परिलक्षित होने लगा।
★स्वयं के जीवन के संघर्ष एवं सफलताएं- मेरा गृह जनपद प्रयागराज है, जहां मेरा जन्म हुआ और मेरी सम्पूर्ण शिक्षा-दीक्षा सम्पन्न हुई, बाल्यावस्था कतिपय संघर्षपूर्ण तो रही परन्तु पिता जी के संघर्षशील एवं प्रेरणादायी व्यक्तित्व से संघर्षों के दौरान एक एक बेहतर जीवन कैसे जिया जाए एवं बेहतर कैसे किया जाए, इत्यादि नैतिक मूल्य सीखने के शुभ अवसर प्राप्त होते रहे। माता जी के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के चलते पिता जी ने उनकी कमी को पूरा करने के भरसक प्रयास किये। हम सब मिलकर घर के कार्यों को किया करते जिसमें पिता श्री का सदैव यही प्रयास रहता कि वह स्वयं घर के अधिकाधिक कार्यों को कर लें जिससे हमें अध्ययन करने का पर्याप्त समय मिलता रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा पूर्ण करके बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा-स्नातक (बी.एड) की उपाधि प्राप्त की। अनवरत रुप से चल रही शिक्षा के दौरान ही वर्ष 2007 में विशिष्ट बी०टी०सी० शिक्षक भर्ती की विज्ञप्ति आयी, जिसमें पांच जिलों में हाथों-हाथ आवेदन करने के उपरान्तु मेरा प्रथम चयन फतेहपुर जनपद में हुआ, इसी क्रम में, 15 दिसम्बर वर्ष 2009 को मेरी मौलिक नियुक्ति हुई।●कार्य-क्षेत्र की उपलब्धियाँ- वर्तमान विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापिका कार्यभार सम्भालने के पश्चात विद्यालय में बच्चों के नामांकन में वृद्धि के लिए किये गये मेरे प्रयासों के परिणाम स्वरूप छात्र संख्या 133 से बढ़कर 164 हो गई। प्रार्थना-पंचांग में विद्यालय का प्रदर्शन सदैव बेहतर रहा। नामांकन में वृद्धि होने के कारण विद्यालय बतौर 'उत्कृष्ट विद्यालय' चयनित हुआ। खेल मैदान के अभाव के चलते विद्यालय को खेल में प्रतिभागिता दिलाने के लिए मैने, विद्यालय में बच्चों को योग का प्रशिक्षण देना आरम्भ किया। परिणामतः, वर्ष 2022 में सम्पन्न योग प्रतियोगिता में बच्चे विजयी रहे। जीत का ये सिलसिला वर्ष 2023 व वर्ष 2024 में भी जारी रहा। वर्ष 2024 व 25 में विद्यालय ने राज्य-स्तरीय खेल प्रतियोगिता में प्रयागराज मण्डल का प्रतिनिधित्व किया। योगासन के साथ-2 मेरे द्वारा बच्चों को नई योग विधाओं, योग-एक्ट व योग नृत्य में भी प्रशिक्षण देकर पारंगत करने का प्रयास अनवरत जारी है। जिसका प्रदर्शन विभिन्न मंचों पर किया गया, जिसमें बच्चे पुरस्कृत भी हुए। मेरे इन समस्त प्रयासों की सार्थकता तब और भी अधिक सिद्ध होती दिखने लगी जब मुझे यह ज्ञात हुआ कि बच्चों से यह योग उनके घरों तक पहुंच रहा है|
* और अभिभावकों में भी प्रतिदिन योग करने की आदत विकसित हो रही है। इसी क्रम में राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी वर्ष 2023 के अवसर पर प्रेक्षागृह फतेहपुर में बच्चों द्वारा मनमोहक व शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, परिणाम ये रहा कि श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय फतेहपुर ने बच्चों के इस कार्यक्रम को 26 जनवरी 2023 गणतंत्र-दिवस के लिए रिजर्व पुलिस लाइन फतेहपुर में चयनित किया, जहां पर एक मात्र हमारा परिषदीय विद्यालय ही चयनित हुआ था। तब से प्रत्येक वर्ष हमारे बच्चों को जन्माष्टमी व गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति करने हेतु बुलाया जाता है।
●स्वयं की उपलब्धि - वर्ष 2016 में प्रधानाध्यापिका का दायित्व संभालने के पश्चात् मैं, विद्यालय को बेहतर से बेहतर बनाने के प्रयास में जुट गई, जिसके परिणामस्वरुप हमारा विद्यालय, 'उत्कृष्ट विद्यालय' हेतु चयनित हुआ । मेरे इन्हीं समस्त प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, वर्ष 2022 में, बी. आर.सी. असोथर में आयोजित, प्रेरणा ज्ञान उत्सव' में मुझे ’उत्कृष्ट शिक्षक' के रूप में चयनित एवं सम्मानित किया गया। तत्पश्चात वर्ष 2023 में प्रेक्षागृह फतेहपुर में आयोजित होने वाली T.L.M. मेला प्रतियोगिता में, मेरे T.L.M. प्रदर्शन के लिए मुझे सम्मानित किया गया। इसी क्रम में वर्ष 2023 में डायट फतेहपुर में नवाचार व T.L.M. मेला में प्रतिभागिता की व सम्मानित हुई । तदन्तर वर्ष 2024 में, डायट फतेहपुर में आयोजित योग प्रतियोगिता में मैंने जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2024 में ही प्रतियोगिता में, डायट, फतेहपुर में आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में, मैंने प्रतिभागिता की एवं सम्मान प्राप्त किया। इसी क्रम में, वर्ष 2024 में गाँधी मैदान फतेहपुर में आयोजित 'गाँव खेल महोत्सव' में मुझे, अमर उजाला द्वारा सम्मानित किया गया। वर्ष 2024 व वर्ष 2025 में रिजर्व पुलिस लाइन फतेहपुर में गणतंत्र दिवस के अवसर पर श्रीमान पुलिस अधीक्षक द्वारा मुझे सम्मानित किया गया। वर्ष 2025 में, हमारे विद्यालय को निपुण विद्यालय घोषित किये जाने पर, जिला प्रशासन द्वारा, प्रेक्षागृह फतेहपुर में मुझे पुनः सम्मानित किया गया।
●मिशन शिक्षण–संवाद से मेरा जुड़ना देर से हो पाया, जिससे जुड़कर बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। आपस में अनुभव साझा करने के अवसरों की पर्याप्तता, सीखने–सिखाने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में बहुत ही मददगार है। मेरे द्वारा किये गये अब तक के शैक्षणिक एवं सहगामी समस्त प्रयास, मिशन से जुड़कर मुझे अत्यन्त ही सार्थक लगे। इस मंच पर आपसी ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान के अवसर होने के चलते निरंतर कुछ नया करने की प्रेरणा मिलती है। जिससे कक्षा-कक्ष में सीखना सिखाना आसान हो जाता है। एक वाक्य में कहूं तो, 'शिक्षण संवाद’ वो मशाल है जो शिक्षक और शिक्षार्थी, दोनों की राह आलोकित करके सीखने-सिखाने के सफर को आसान कर रही है।
_✏संकलन_ -
ज्योति कुमारी
(शक्ति संवाद)
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*
Comments
Post a Comment