61/2025, बाल कहानी - 11 अप्रैल


बाल कहानी - कोयल और गाय
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एक गाय और एक कोयल में गहरी दोस्ती हो गई। अब दोनों जहाँ भी जाते, साथ-साथ जाते। एक दिन गाय ने कोयल को अपने घर दावत पर बुलाया। कोयल खुश हो गयी। अगले सुबह वह तालाब के पास गयी और नहा-धोकर गाय के घर चली गयी। वह जा ही रही थी कि रास्ते में उसे कबूतर मिला। कबूतर ने पूछा, "कोयल बहन! कहाँ जा रही हो?" कोयल बोली, "आज गाय ने मुझे अपने घर दावत पर बुलाया है।" कबूतर बोला, ठीक है, अब तुम चलो, नहीं तो तुम्हें देर हो जाएगी।"
कोयल गाय के घर पहुँची। गाय उसका इन्तजार कर रही थी। गाय ने कोयल के लिए खीर बनायी थी। कोयल को मीठे-मीठे चावल के दाने बहुत अच्छे लगे। कोयल ने गाय को 'धन्यवाद' देते हुए कहा कि, "आपने मुझे बहुत अच्छा खाना खिलाया। अब मैं आपको गाना सुनाती हूँ।" कोयल ने अपनी सुरीली आवाज में गाना गाया। कोयल का गाना सुनकर गाय बहुत खुश हुई। गाय ने कोयल का 'धन्यवाद' करते हुए कहा कि, "तुम मुझसे मिलने बीच-बीच में आते रहना, जिससे मैं तुम्हारी मधुर गाने का आनन्द ले सकूँ।" कोयल ने कहा, "जरूर आऊँगी।" ऐसा कहकर कोयल अपने घर चली गयी।

#संस्कार_सन्देश -
अलग-अलग स्वभाव होते हुए भी हर प्राणी एवं जीव को विविधता को स्वीकार करना और प्रेम से रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है।


कहानीकार-
दमयन्ती राणा (स०अ०) 
रा० उ० प्रा० वि० ईड़ाबधाणी
वि० ख० कर्णप्रयाग जिला
चमोली (उत्तराखण्ड)

✏️संकलन
📝टीम #मिशन_शिक्षण_संवाद 
#दैनिक_नैतिक_प्रभात

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