पावन पर्व गणतंत्र का
आया पावन पर्व गणतंत्र का
सदा शान से हमसब इसे मनाएँगे।
सुंदर संविधान की वर्षगाँठ से
जन-जन को परिचित कराएँगे।
हासिल करने इस आजादी को,
अनगिनत देशभक्तों ने प्राण गँवाये।
देने को हम सब को आजादी
फाँसी पर झूले और गीत देश के गाए।
मिलकर हम सब उनको आज
फिर से श्रद्धा रूपी पुष्प चढ़ाएँगे।
आया पावन पर्व गणतंत्र का
सदा शान से हम सब इसे मनाएँगे।
अट्ठारह सौ सत्तावन से
आजादी की चिंगारी चमकी थी।
दुष्ट फिरंगियों पर तब ही तो
भारत वीरों की कटार दमकी थी।
उन शहीदों की पावन गाथा
भारत के बच्चे बच्चे को सुनाएँगे।
आया पावन पर्व गणतंत्र का
सदा शान से हम सब इसे मनाएँगे।
शुभ दिन 15 अगस्त 1947 को
फिरंगियों को देश से भगाया था।
फिर बना संविधान हमने अपना
26 जनवरी को इसे अपनाया था।
इस दिन से सदियों-सदियों तक
हम सब गीत देशभक्तों के गाएँगे।
आया पावन पर्व गणतंत्र का
सदा शान से हम सब इसे मनाएँगे।
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