सेना दिवस
अदम्य साहस, शौर्य, वीरता से,
सदा निगेहबानी करती है सेना।
दंगे-फसाद, प्राकृतिक उथल-पुथल हो,
हर बार अपनी जान पर खेलती है सेना।।
बाढ़, सूखा, भूकंप या हो लड़ाई
अडिग खड़ी सेना रक्षा करने को आई
शांति व्यवस्था सुनिश्चित हो देश में
भारतीय सेना की प्राथमिकता है भाई
स्वतंत्रता के पश्चात भारत में हुए,
दंगे-फ़साद, शरणार्थियों के आगमन।
अनेक प्रशासनिक समस्याएंँ भी आयीं,
नियंत्रण को सेना कमांडर का हुआ गठन।।
स्वतंत्र भारत में 15 जनवरी 1949 को,
फील्ड मार्शल करिअप्पा को चुना गया।
प्रथम भारतीय सेना प्रमुख बने थे वह,
15 जनवरी को 'सेना दिवस' निश्चित हुआ।।
प्रतिवर्ष 'सेना दिवस' के उपलक्ष्य में,
विभिन्न प्रकार के परेड निकाले जाते हैं।
शक्ति, शौर्य प्रदर्शन कार्यक्रम होते आयोजित,
थल सेनाध्यक्ष को परेड की सलामी दी जाती है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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