सावित्रीबाई फुले

भारत की प्रथम महिला शिक्षिका बन,

सावित्रीबाई ने दुनिया में नाम किया। 

महिलाओं, दलितों को शिक्षित कर,

उन्हें बराबर का सम्मान दिया।।


माँ लक्ष्मी, पिता खन्दौजी नैवेसे के घर,

3 जनवरी 1831 को जन्म पाया था।

सावित्रीबाई माता-पिता ने नाम दिया,

पिता ने विवाह ज्योतिबा फुले से कराया था।।


तब बालिकाओं को शिक्षा देना,

लोग सबसे बड़ा पाप मानते थे।

जब सावित्रीबाई स्कूल जातीं,

लोग उन्हें पत्थर से मारते थे।।


सामाजिक मुश्किलों को झेल,

समाज में जागरुकता लायी थीं।

विधवा विवाह, छुआछूत मिटाने में,

महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।।


सर्वप्रथम नौ बालिकाओं को लेकर,

पति के साथ एक विद्यालय खोला।

एक साल में पाँच विद्यालय खोलकर,

बालिकाओं को शिक्षा की धारा से जोड़ा।।


आप देश की महानायिका बनीं,

तत्कालीन सरकार सम्मान पायी थीं।

प्लेग के मरीजों की सेवा करते- करते

10 मार्च 1897 को मृत्यु गले लगायी थी।।


रचयिता
शहनाज बानो,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय भौंरी -1,
विकास क्षेत्र-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।

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