गणतंत्र दिवस
ये देश हमारा है,
हम इसके रखवाले,
जरा झाँक के देखो तो,
कहीं कोई मायूस तो नहीं,
कहीं कोई भूखा तो नहीं सोया।
ये देश हमारा है,
हम इसके रखवाले,
जरा ढूँढ के देखो तो,
कहीं कोई बेटी रोई तो नहीं,
किसी का बचपन तो नहीं खोया।
ये देश हमारा है,
हम इसके रखवाले,
जरा आइना देखो तो,
कहीं सच खोया तो नहीं,
किसी का विश्वास तो नहीं टूटा।
ये देश हमारा है,
हम इसके रखवाले,
चलना है सँभलकर,
मिटने न पायें कुर्बानियाँ,
सलामत रहें साँसों के तार।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
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