जनवरी आई
दिसम्बर गया जनवरी आई,
नए वर्ष की आहट लाई।
खुशियों से दामन भरने आई,
जनवरी आई जनवरी आई।
क्या खोया क्या पाया हमने,
हमसे प्रश्न ये करने आई।
नए वादे हमसे लेने आई,
जनवरी आई जनवरी आई।
खट्टी मीठी यादें लाई,
मन में आस जगाने आई।
रंगों की पिचकारी लाई,
जनवरी आई जनवरी आई।
कसमें कई दिलाने आई,
फर्ज याद दिलाने आई।
खुश रहना प्यारे बतलाने आई।
जनवरी आई जनवरी आई।
बीता वक़्त भुलाने आई,
सपने नए दिखाने आई।
उम्मीद नई जगाने आई,
जनवरी आई जनवरी आई।
दिलों में प्रेम जगाने आई,
शिकवे गिले मिटाने आई।
एहसास नए जगाने आई,
जनवरी आई जनवरी आई।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
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