नववर्ष की बेला आई रे
खुशियों की रौनक छाई रे।
नववर्ष की बेला आई रे।।
शुभकामनाओं की लगी अब झड़ी।
संदेशों की ध्वनि है सुनाई पड़ी।।
मुबारकबाद का सिलसिला जारी है।
फिर आशीषों की आई बारी है।।
खुश रहने की दुआ पाई रे।
नववर्ष की बेला आई रे।।
नए वर्ष में कोई भूखा ना रहे।
पेट की क्षुधा को कोई ना सहे।।
सबके जीवन खुशियों का हो डेरा।
भारतवासी पाए एक नया सवेरा।।
दिल की दुआ जुबां पर आई रे।
नववर्ष की बेला आई रे।।
सदा स्वस्थ और रहें निरोगी।
स्वच्छता भी हमें अपनानी होगी।।
महामारी को अब आने नहीं देना।
मेरे साथियों टूट पड़ो बन सेना।।
वैक्सीन सभी ने लगवाई रे।
नव वर्ष की बेला लाई रे।।
रचयिता
गीता देवी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,
विकास खण्ड- बिधूना,
जनपद- औरैया।
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