३०-अजय मिश्रा पू०मा० विद्यालय बनी,अलीगंज,एटा
मित्रों आज हम आपको मिशन संवाद के अनमोल रत्नों की खोजशाला से एक ऐसे शिक्षक भाई का परिचय करा रहे हैं। जिन्होंने हमें- "सोच बदलो, देश बदलो" जैसा परिवर्तनकारी नारा देकर राष्ट्र रक्षा के लिए प्रेरित किया है। अपनी वैचारिक क्रांति से अपने विद्यालय को शून्य से शिखर का रास्ता दिखा दिया। इसे ही दृष्टिकोण बदलना कहते हैं। यदि एक शिक्षक अपना विद्यालय के प्रति दृष्टिकोण बदलता है, तो उस पंचायत के हजारों नागरिकों का दृष्टिकोण और जीवन बदल जाता है।
इसीलिए आज इस देश और प्रदेश को शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए समर्पित शिक्षा सेनानियों की आवश्यकता है। जो गाँव और गरीबों में व्याप्त अशिक्षा, अज्ञानता को अपने कर्तव्यों से एक सैनिक की भाँति शिक्षक सेनानी बन कर राष्ट्र सेवा कर सकें। ऐसे हजारों शिक्षा सेनानी अब गुणात्मक रूप से तैयार भी हो रहे हैं। जो किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में शिक्षक धर्म की रक्षा में तन, मन और धन से कार्य कर रहे हैं।
आइये जानते हैं शिक्षा एवं शिक्षक के सम्मान के प्रति समर्पित शिक्षक के सम्बन्ध में उन्हीं के शब्दों में-----
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नमस्कार,
सर्वप्रथम मिशन संवाद में शामिल करने के लिए आभार। जुलाई- २०१३ में मेरा प्रमोशन पूर्व माध्यमिक विद्यालय बनी, वि○ क्षेत्र- अलीगंज, जिला- एटा में हुआ था। उस समय विद्यालय में एक अध्यापक थे जो प्रमोशन के कारण मुझे कार्यभार देकर जा चुके थे तथा छात्र संख्या लगभग ५० के रही होगी। ऐसे में विद्यालय को सुव्यवस्थित करना चुनौती पूर्ण था तथा अपनी योग्यता के साथ न्याय भी करना था। क्योंकि यहीं के प्राथमिक विद्यालय को भी मैंने नया आयाम दिया था। सर्वप्रथम मैंने घर-घर जाकर संपर्क करके लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का भरोसा दिलाया तथा इलाहाबाद में सिविल सर्विसेज की तैयारी के दौरान अर्जित अनुभव का प्रयोग करते हुए सभी विषयों को बेहतर ढंग से पढ़ाया जिसका परिणाम अगले वर्ष छात्र संख्या सौ से ऊपर पहुंच गयी। इससे हमें तीन अनुदेशक मिल गए। अब हमने काफी समय से रखा कंम्प्यूटर निकाला। समस्या बिजली की आयी तो अपने पास से धन की व्यवस्था करके करीब ६०० फीट केबिल गांव से खींचकर लाए। बच्चे लाभान्वित हुए।
सर्वप्रथम मिशन संवाद में शामिल करने के लिए आभार। जुलाई- २०१३ में मेरा प्रमोशन पूर्व माध्यमिक विद्यालय बनी, वि○ क्षेत्र- अलीगंज, जिला- एटा में हुआ था। उस समय विद्यालय में एक अध्यापक थे जो प्रमोशन के कारण मुझे कार्यभार देकर जा चुके थे तथा छात्र संख्या लगभग ५० के रही होगी। ऐसे में विद्यालय को सुव्यवस्थित करना चुनौती पूर्ण था तथा अपनी योग्यता के साथ न्याय भी करना था। क्योंकि यहीं के प्राथमिक विद्यालय को भी मैंने नया आयाम दिया था। सर्वप्रथम मैंने घर-घर जाकर संपर्क करके लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का भरोसा दिलाया तथा इलाहाबाद में सिविल सर्विसेज की तैयारी के दौरान अर्जित अनुभव का प्रयोग करते हुए सभी विषयों को बेहतर ढंग से पढ़ाया जिसका परिणाम अगले वर्ष छात्र संख्या सौ से ऊपर पहुंच गयी। इससे हमें तीन अनुदेशक मिल गए। अब हमने काफी समय से रखा कंम्प्यूटर निकाला। समस्या बिजली की आयी तो अपने पास से धन की व्यवस्था करके करीब ६०० फीट केबिल गांव से खींचकर लाए। बच्चे लाभान्वित हुए।
दूसरा मुख्य कार्य पौधे लगाने का था। इसके लिए पानी की जरूरत पूरी करने के लिए समरसेविल लगवाया। जिससे ही नवीन शौचालय की टंकी (१०००ली) का कनेक्शन करवाया। तथा सी-सी रोड एवं मुख्य गेट, बोर्ड का निर्माण कराया। इसके लिए धन की व्यवस्था विद्यालय में अनुपयोगी पड़ी पेड़ों की लकड़ी से कर ली। जिसमें गांव के प्रधान जी का पूर्ण सहयोग रहा।
शिक्षण गतिविधियों के रूप में कमजोर बच्चों के लिए अलग से कक्षा लगायी। लेख सुधारने के लिए वर्णों को सही ढंग से लिखना सिखाया। सभी को अंग्रेजी का कर्सिवराइटिंग का विशेष अभ्यास करवाया परिणामस्वरूप आज सभी बच्चे कर्सिव में ही अंग्रेजी लिख रहे है। अनुशासन पर जोर देते हुए बच्चों को जरूरी संस्कार देने हेतु नियमित योग का संचालिन किया। क्योंकि मैंने खुद भी पतंजलि हरिद्वार से योग का दस दिवसीय कोर्स किया हुआ है।
विज्ञान एवं गणित विषयों का शिक्षण विद्यालय में उपस्थित किट के माध्यम से किया जा रहा है।
एम डी एम पूर्ण तया मीनू के अनुसार संचालित है। उपरोक्त प्रयास से आज विद्यालय की छात्र संख्या १५० से ऊपर पहुँच चुकी है। जिसमें से रोज १३५-१४० छात्र प्रति कार्य दिवस उपस्थित रहते हैं।
..मेरी एवं समस्त स्टाफ की मेहनत को मान्यता प्रदान करते हुए एडी बेसिक अलीगढ़ एवं बी एस ए एटा द्वारा मुझे उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया। ब्लाक स्तर पर भी आदर प्राप्त हुआ है। परन्तु इस सबसे ऊपर अपने देश के प्रति कर्तव्य पालन करते हुए अमूल्य आत्मसंतोष प्राप्त होता है। अपने विद्यालय के लिए मैंने आदर्श वाक्य चयनित किया है--"सोच बदलो, देश बदलो"।
सभी शिक्षक साथियों से ये कहना चाहता हूँ कि समाज और देश को बदलने का एक मात्र साधन शिक्षा ही है। इस लिए हम सब मिल कर इस देश को आगे बढाने में भागीदार बनें।
....जय हिन्द। जय शिक्षक।।।
....जय हिन्द। जय शिक्षक।।।
...............अजय कुमार मिश्र।।
इं0 प्र0 अ0
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बनी
अलीगंज, जिला-एटा।
9412861656.
मित्रों आपने वीर सैनिक के समान समर्पित अपने बीच के शिक्षा सेनानी के राष्ट्र को समर्पित विचारों को पढ़ा। जो निश्चित ही बेसिक शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य की ओर इंगित करता है।
ऐसे समर्पित शिक्षा सेनानी और उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को मिशन संवाद की ओर से बहुत - बहुत शुभकामनाएँ!
☆निवेदन☆
मित्रो बहुत से शिक्षक साथी अपनी नकारात्मक सोच की दृष्टि से मिशन संवाद के इस कार्यक्रम में शंका और एक शिक्षक द्वारा किए कार्यो का मात्र प्रचार समझते हैं। उन सम्मानित शिक्षकों को मिशन संवाद की ओर से हम अवगत कराना चाहते हैं कि यह हम सब का सहयोगी और आपसी सीखने- सिखाने का मिशन है। जिससे हम सम्पूर्ण प्रदेश के शिक्षकों द्वारा एक स्थान पर एक दूसरे के काम और काम करने के तरीकों से परिचित होते हैं, और सीखते हैं। जिससे एक अनुभव प्राप्त होता है। साथ ही यह समाज में बन चुकी शिक्षक की नकारात्मक छवि को कम से कम करने का माध्यम भी हैं। अब आपके सामने उदाहरण स्वरूप ऐसे विद्यालयों का परिचय होता है। जिनसे आप समाज में बेसिक शिक्षा के विकास का उदाहरण समझा सकते हैं। कि इस देश में ऊँचे से नीचे स्तर तक के सभी वेतनभोगियों के बीच मात्र एक बेसिक शिक्षा का शिक्षक ही है जो शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए अपने वेतन का एक हिस्सा और अपने जीवन का एक हिस्सा मानवीय सेवा में लगा रहा है। फिर भी उसकी छवि....। यह समाज, शासन और सरकारों के सामने एक प्रश्न चिह्न है।
इसलिए मित्रो शंका छोड़ सहयोगी और सकारात्मक बनें तथा मिशन संवाद के संदेश को जन- जन तक पहुँचायें।
इसलिए मित्रो शंका छोड़ सहयोगी और सकारात्मक बनें तथा मिशन संवाद के संदेश को जन- जन तक पहुँचायें।
☆मिशन संवाद☆
मित्रो यह एक शिक्षक से शिक्षक और शिक्षक से समाज के बीच अपने अच्छे कार्यों को पहुँचाने का माध्यम मिशन संवाद है।
जिसका उद्देश्य एक दूसरे से संवाद के माध्यम से सीखना सिखाना तथा शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए बेसिक शिक्षा से नकारात्मक माहौल को कम से कम करते हुए समाज के बीच बेसिक शिक्षा और शिक्षक के प्रति विश्वास पैदा करना है।
इसमें सहयोग के लिए आप स्वयं और अपने आसपास के गुमनाम शिक्षा के लिए काम करने वाले शिक्षकों और विद्यालयों की गतिविधियों और उपलब्धियों का फोटो सहित विवरण हमारे पास भेज कर शिक्षा एवं शिक्षक सम्मान के भागीदार और रक्षक बनें। क्योंकि बुराई स्वप्रचारित होती है लेकिन अच्छाईयों को समाज के सामने लाने के लिए प्रयास करने पड़ते हैं। इसलिए आप भी अपना विवरण भेजने में संकोच न करें।
विवरण भेजने के लिए मिशन संवाद का WhatsApp No- 9458278429 है।
साभार : शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
आपका सहयोगी शिक्षक
विमल कुमार
कानपुर देहात
09/07/2016
विमल कुमार
कानपुर देहात
09/07/2016
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