३१-मौ० वाजिद प्रा० वि० बसीकला, शाहपुर, मुजफ्फरनगर
मित्रों आज हम आपको जनपद- मुजफ्फरनगर से एक ऐसे शिक्षक भाई से परिचय करा रहे हैं। जिन्होंने एक ऐसे गाँव में शिक्षा की पताका फैराने का काम किया है। जहाँ हमने अधिकतम लोगों से कहते सुना है कि अल्पसंख्यक बाहुल्य गाँवों में बच्चों का नामांकन, उपस्थिति और ठहराव लगभग असम्भव जैसा होता है। लेकिन कमाल है मौ○ वाजिद भाई का जिन्होंने सारी कहावतों को झुठला कर अपने विद्यालय में छात्र संख्या 126 बच्चों से बढ़ा कर 400 बच्चे करने की कामयाबी हासिल की। उपस्थिति और ठहराव का भी रिकार्ड बनाने में भी पीछे नही रहे। आज 80% से अधिक उपस्थिति दर्ज होती है। जबकि गाँव में ही उर्दू मदरसा संचालित था। लेकिन सकारात्मक सोच और कुछ परिवर्तन की चाहत ने सब कुछ सामान्य कर दिया।
आपके विद्यालय की अभी तक की उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं, जो लगातार नयी ऊँचाईयाँ बनाने के लिए प्रयासरत है।
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1- विद्यालय में पूर्ण टी एल एम और खेल कूद की व्यवस्था है। अति गरीब परिवारों के 125 बच्चों को स्कूल बैग और स्टेशनरी का कुछ शिक्षक साथियों के सहयोग द्वारा वितरण किया गया।
2- प्रार्थना और सांस्कृतिक कार्यों के लिए लाउडस्पीकर की व्यवस्था है।
3- गतिविधियों और नवाचारों द्वारा शिक्षण कराना। जैसे- सुलेख, श्रुतिलेख, मेंहदी, क्राफ्ट और क्लेमाॅडिंग प्रतियोगिता एवं खेल- कूद प्रतियोगिता करा कर बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि पैदा की। जिससे नामांकन, उपस्थिति और ठहराव में अद्भुत सफलता प्राप्त हुई।
4- शिक्षण व्यवस्था अच्छी होने के कारण जनपद में मेधावी छात्र खोज प्रतियोगिता में विद्यालय से चयनित छात्रों में से 90% बच्चों ने 70% से अधिक अंक प्राप्त किए। जिससे आपका जिलाधिकारी द्वारा उत्साहवर्धन और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया। इसके बाद तो गाँव में संचालित उर्दू मदरसा प्रबन्धन ने सहयोग के रूप में अपना मदरसा संचालन का समय ही बदल दिया। जो एक उपलब्धि से कम न थी।
5- शिक्षा विभाग द्वारा दो बार आदर्श शिक्षक सम्मान बी एस ए द्वारा दिया गया। केन्द्रीय अल्पसंख्यक आयोग और बाल आयोग के निरीक्षण में विद्यालय की अच्छी व्यवस्था के लिए सम्मान और प्रशंसा प्राप्त हुई। आज पूर्ण सामाजिक सम्मान के साथ एक आदर्श शिक्षक की छवि है।
1- विद्यालय में पूर्ण टी एल एम और खेल कूद की व्यवस्था है। अति गरीब परिवारों के 125 बच्चों को स्कूल बैग और स्टेशनरी का कुछ शिक्षक साथियों के सहयोग द्वारा वितरण किया गया।
2- प्रार्थना और सांस्कृतिक कार्यों के लिए लाउडस्पीकर की व्यवस्था है।
3- गतिविधियों और नवाचारों द्वारा शिक्षण कराना। जैसे- सुलेख, श्रुतिलेख, मेंहदी, क्राफ्ट और क्लेमाॅडिंग प्रतियोगिता एवं खेल- कूद प्रतियोगिता करा कर बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि पैदा की। जिससे नामांकन, उपस्थिति और ठहराव में अद्भुत सफलता प्राप्त हुई।
4- शिक्षण व्यवस्था अच्छी होने के कारण जनपद में मेधावी छात्र खोज प्रतियोगिता में विद्यालय से चयनित छात्रों में से 90% बच्चों ने 70% से अधिक अंक प्राप्त किए। जिससे आपका जिलाधिकारी द्वारा उत्साहवर्धन और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया। इसके बाद तो गाँव में संचालित उर्दू मदरसा प्रबन्धन ने सहयोग के रूप में अपना मदरसा संचालन का समय ही बदल दिया। जो एक उपलब्धि से कम न थी।
5- शिक्षा विभाग द्वारा दो बार आदर्श शिक्षक सम्मान बी एस ए द्वारा दिया गया। केन्द्रीय अल्पसंख्यक आयोग और बाल आयोग के निरीक्षण में विद्यालय की अच्छी व्यवस्था के लिए सम्मान और प्रशंसा प्राप्त हुई। आज पूर्ण सामाजिक सम्मान के साथ एक आदर्श शिक्षक की छवि है।
अतः मेरा सभी शिक्षक साथियों से, ये कहना है कि अपने काम के प्रति निष्ठा व लगन से हम असम्भव कार्य को सम्भव कर सकते हैं। हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए, काम स्वयं आसान हो जाता है। 2015 में एक बार हम 465 छात्र संख्या पर अकेले रह गए थे। जो हमारे लिए एक किसी चुनौती से कम नहीं थी। शिक्षकों व्यवस्था नही हो सकी। तब हमने गाँव के सहयोग से दो बारहवीं उत्तीर्ण छात्र मौ रिजवान और मौ जुल्फिकार का सहयोग तीन माह तक लिया। जिससे सामाजिक विश्वास जीतने में हम कामयाब रहे। हम इन दोनों छात्रों के विद्यालय परिवार सदैव ऋणी रहेंगे।
धन्यवाद
मौ○ वाजिद
प्रा○ वि○ विद्यालय बसीकला
वि○ खण्ड- शाहपुर
जनपद- मुजफ्फरनगर
धन्यवाद
मौ○ वाजिद
प्रा○ वि○ विद्यालय बसीकला
वि○ खण्ड- शाहपुर
जनपद- मुजफ्फरनगर
शिक्षा के समर्पित और शिक्षक सम्मान के प्रति जागरूक ऐसे शिक्षक भाई को विद्यालय परिवार सहित बहुत बहुत शुभकामनाएँ
मित्रों आप भी बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा आयेगा।
हम सब हाथ से हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
विमल कुमार
कानपुर देहात
14/06/2016
कानपुर देहात
14/06/2016
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