११-कुँवरसेन जी पू०मा० विद्यालय हररायपुर,बिसौली, बदायूँ

मित्रों आज हम आपको जनपद- बदाँयू से बेसिक शिक्षा के उस अनमोल रत्न का परिचय करा रहें हैं जिन्हें हम गुरुओं का गुरु कहें तो अतिशयोक्ति न होगा। क्योंकि आपने बेसिक शिक्षा में अनेक ऐसे असाधारण कार्य किए जो हम सब के लिए अनुकरणीय और प्रेरणा के स्रोत हैं। आपके उत्कृष्ट कार्यों के लिए कुछ माह पहले माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी द्वारा सम्मानित किया गया तथा जिला समिति द्वारा वर्ष- 2016 में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए आपके नाम का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।  आपने बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में अपने पूरे जनपद ही नहीं बल्कि अब पूरे प्रदेश के विद्यालयों, शिक्षकों के लिए त्याग, समर्पण, शैक्षिक और भौतिक परिवेश को अनूठा बनाने में हमारे अन्य अनमोल रत्नों के समान अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। आपने अपने विद्यालय को शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों और समाज के सहयोग से नित नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए अग्रसर हैं।
तो आइए जानते हैं ऐसे प्रेरणा के स्रोत एवं बेसिक शिक्षा के अनमोल रत्न के सम्बन्ध में उन्हीं के शब्दों में---

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सम्मानित मित्रो,
                  मैं कुँवरसेन पूर्व माध्यमिक विद्यालय हर्रायपुर, विकास खण्ड- बिसौली, जनपद- बदायूँ में दिनाँक- 29/04/2010 को पदोन्नत होकर सहायक अध्यापक के पद पर आया था। उस समय विद्यालय शैक्षिक, भौतिक और नामांकन आदि की दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा हुआ था। समाज का विद्यालय के प्रति कोई झुकाव भी नहीं था। कोई सहयोग नहीं था। गाँव की जनसंख्या के अनुपात में नामांकन भी कम था और उनकी उपस्थिति तथा उनका ठहराव एक समस्या थी।
इन्हीं अव्यवस्थाओं से एक शिक्षक के रूप में हमें संघर्ष और बेसिक शिक्षा तथा शिक्षक के सम्मान के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली। इसके लिए हमने सबसे पहले घर - घर जाकर अभिभावकों और ग्रामवासियों से सम्पर्क स्थापित किया और शिक्षा का महत्व समझाते हुए, अपनी बात कही और उनकी बात सुनकर उन्हें उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा का भरोसा दिलाया। जिससे हमें सफलता के रूप में 120 बच्चों का नामांकन मिला। अब आगे का लक्ष्य था बच्चों की उपस्थिति और उनके ठहराव के साथ विद्यालय के शैक्षिक स्तर और भौतिक परिवेश को सुधारने का जिसके लिए हमने निम्न प्रयास किये।
1- शत- प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों को पुरस्कार देना शुरू किया और घर - घर सम्पर्क कर अभिभावकों को समझाते रहे। इससे उपस्थिति में सुधार हुआ।
2- बच्चों को आधुनिक और उत्तम शिक्षा के लिए कक्षा- कक्षों को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित किया। प्रोजेक्टर द्वारा शिक्षा का बच्चों में आकर्षक बढ़ा। जिससे उपस्थिति और ठहराव में सफलता मिली।
3- विद्यालय के बाद अतिरिक्त समय में बच्चों को कान्वेंट के स्तर पर लाने के लिए उनके घर जाकर पढ़ाना शुरू किया। जिससे बच्चों में विद्यालय के प्रति आकर्षण और अभिभावकों में विश्वास बढ़ा।
4- अभिभावकों से सम्पर्क के लिए और उन्हें विद्यालय से अधिक से अधिक जोड़ने के लिए बुलावा कार्ड का प्रयोग शुरू किया। जिससे अभिभावकों में भी विद्यालय के प्रति आकर्षण बढ़ा।
5- विद्यालय में मीना मंच का अलग कक्ष बनाया। इसके माध्यम से बालिकाओं की उपस्थिति और ठहराव में सफलता के साथ बालिकाओं ने विभिन्न उत्सवों में अग्रणी भूमिका निभाई। इनके सहयोग से गाँव में शौचालय निर्माण में विशेष सहयोग मिला।
6- विद्यालय में बेहतर अनुशासन और बच्चों में सेवाभाव जगाने के लिए स्काउट गाइड का प्रशिक्षण प्रदान कर मण्डल स्तर की प्रतियोगिताओं में ए ग्रेड प्राप्त किया। इसके अलावा स्काउट गाइड द्वारा क्षेत्रीय मेलों में कैम्प लगाकर प्याऊ लगवाना तथा स्वच्छता अभियान जैसे कार्यों को भी चलाया जा रहा है।
7- विद्यालय के भौतिक परिवेश को सुन्दर बनाने के लिए समुदाय के सहयोग से समरसेबिल लगवाया गया। जिससे बृहद स्तर पर पौधारोपण कर विद्यालय के परिवेश को सुन्दर और आकर्षक बनाया गया है।
8- विद्यालय का विद्युतीकरण और कॉन्वेंट की तरह इनवर्टर, पंखों और प्रोजेक्टर आदि की व्यवस्था एस एम सी सदस्यों तथा समाज के सहयोग से की गयी। जिससे गाँव के गरीब परिवारों के बच्चे भी आधुनिक शिक्षा से लाभान्वित हो रहे हैं।
9- हमारे प्रयासों में सहयोग के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग सराहनीय रहा है। इसमें हमारे माननीय क्षेत्रीय विधायक श्री आशुतोष मौर्य जी द्वारा ठण्डे पानी के लिए फ्रीजर लगवाया गया तथा 40000₹ नगद कम्प्यूटर के लिए सहायता प्रदान की। बिसौली ब्लाक प्रमुख श्रीमती श्रीवती यादव द्वारा विद्यालय की चहारदीवारी और सी सी रोड बनवाया गया जिससे विद्यालय की सुन्दरता में चार चाँद लग गये।
10- विद्यालय के बच्चों द्वारा खेल- कूद,  सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़ कर सहभागिता की जाती है। गत सत्र में कक्षा-8 कुमारी मोनिका ने राज्य स्तरीय खेल- कूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया तथा जनपद स्तर पर लगने वाली प्रदर्शनी में विद्यालय के बच्चों का सक्रिय प्रतिभाग रहता है।
11- विद्यालय में ग्राम प्रधान जी की सहायता से उत्तम मध्याह्न भोजन व्यवस्था की जाती है।
12- विद्यालय में बच्चों की रुचियों के अनुसार पढ़ने के लिए सुसज्जित पुस्तकालय है। जिससे बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
13- विद्यालय में विभिन्न माॅडलों से सुसज्जित एक सामाजिक विषय कक्ष की स्थापना की गई है जहाँ बच्चे स्वयं करके  सीखते हैं।
14- विद्यालय के बच्चों को समय- समय पर शैक्षिक भ्रमण कराके ज्ञान वृद्धि की जा रही है।
15- जनपद के अन्य विद्यालयों के शैक्षणिक और भौतिक परिवेश के परिवर्तन के लिए समय- समय पर हमारे द्वारा सहयोग किया जाता रहा है।
16- विद्यालय के छात्रों को सर्दियों से बचने के लिए शिक्षकों और समाज के सहयोग से गर्म कपड़ों के वितरण की व्यवस्था की जाती है।
17- विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रार्थना सभा को आकर्षक और मनमोहक बनाया जाता है। जिससे दिन की शुरुआत एक उत्साहित माहौल से होती है।
18- वर्तमान सत्र में बच्चों का शैक्षिक स्तर उच्च करने के लिए विद्यालय में 1 जून से 30 जून तक प्रातः 7:00 से 9:00 बजे तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अनुमति से ग्रीष्मकालीन कक्षाएँ संचालित हैं।
19- आपका विद्यालय अभी हाल में शुरू की गई माननीय प्रधानमंत्री विद्यांजलि योजना के लिए भी नामित किया गया है।

मित्रों आपने अपने बीच के सम्मानित भाई कुँवरसेन जी के विभिन्न प्रयासों और गतिविधियों को जाना। इन्हीं सब उत्कृष्ट कार्यों के लिए आपको मुख्यमंत्री जी से लेकर एस एम सी सदस्यों तक कोई पद बेसिक शिक्षा एवं प्रशासनिक व्यवस्था का ऐसा नहीं है। जिन्होंने विभिन्न अवसरों पर आपको सम्मानित न किया हो।
अतः ऐसे सुयोग्य सद्कर्म के प्रतीक भाई कुँवरसेन जी से हम मिशन संवाद के माध्यम से निवेदन करना चाहते हैं कि आप बेसिक शिक्षा और उसके शिक्षकों के हित और सम्मान की रक्षा के लिए आगे बढ़ कर आयें। क्योंकि  यदि कोई समाज बदनाम और कलंकित हो तो उसके सदस्यों को बदनामी और कलंक उपहारस्वरूप स्वयं मिल जाते है फिर व्यक्ति विशेष चाहे कितना भी सम्मानित क्यों न हो।
मिशन संवाद की ओर से भाई कुँवरसेन जी एवं आपके सहयोगी विद्यालय परिवार एवं जनप्रतिनिधियों को बहुत- बहुत शुभकामनाएँ!
मित्रों आप भी बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिलाकर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा आयेगा।
हम सब हाथ से हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ

विमल कुमार
कानपुर देहात
25/06/2016

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