विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

मरते हैं लोग खा खा तम्बाकू|

खाके तम्बाकू, बनते लड़ाकू||


सिगरेट का धुआँ, सुर्ती का गर्दा|

खाते हैं मिलाके पान में जर्दा||


कोई भी  घर पर जब होता है फंक्शन|

तम्बाकू, सिगरेट, शराब का होता है फैशन||


बाप के साथ बेटा, चाचा संग भतीजा|

बैठकर एक संग लेते नशे का मजा||


जब भी होती है किसी की कैंसर से मृत्यु|

सभी लोग बैठकर कारण बताते|

कोई कहता सुर्ती, कोई कहता गुटखा|

ए कहते-कहते गुटखा चबाते||


रचयिता 
कमलेश प्रसाद वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रिकेबीपुर,
विकास खण्ड-रामपुर,
जनपद-जौनपुर।



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