माँ की ममता

माँ तेरा दर्जा इस जग में,

उस भगवान से ऊँचा है।

छाँव में आँचल के माँ तेरे,

बचपन मेरा बीता है।

माँ तेरी ममता से बढ़कर,

जग में ना कोई दूजा है।।

माँ तेरा दर्जा...


मेरी छोटी खुशी के खातिर,

अपना सब कुछ खोया है।

सबसे पहले जग में अम्मा,

कहकर हर एक बच्चा रोया है।

सबसे पहले इस जग में माँ,

तू ही मेरी पूजा है।।

माँ तेरा दर्जा...


लोरी सुनकर के माँ तेरी,

मैं तो चैन से सोता था।

मुझको जब भी रोता देखे,

दिल भी तेरा रोता था।

प्यार ये तेरा मुझको माँ तो,

लगता बड़ा अनूठा है।।

माँ तेरा दर्जा...


रचयिता
अशोक कुमार,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय रामपुर कल्याणगढ़,
विकास खण्ड-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।



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