विश्व दूरसंचार दिवस

17 मई आया, विश्व दूरसंचार दिवस लाया,

1973 में मैलेगा -टोरीरमोलिनोन्स में घोषित किया,

17 मई 1865 में दूरसंचार संघ की स्थापना हुई,

इस क्रांति से भारत प्रगतिशील देश की श्रेणी में आया।


ग्रामीण भारत भी लबरेज है तकनीकी ज्ञान से,

क्रांति आ गई है फोन, मोबाइल, इंटरनेट से,

जीवन की कल्पना इसके बिना है मुश्किल,

प्रवेश है इसका व्यक्तिगत तक, व्यावसायिक से।


इंटरनेट प्रौद्योगिकी द्वारा सामाजिक परिवर्तन,

वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का करो जतन,

अर्थव्यवस्था भारत की रफ्तार है पकड़े,

दुरुपयोग करके ना करो तुम हनन।


प्रौद्योगिकी ने आज जीवन बदल दिया,

सोचने -समझने का बदला है नजरिया,

पलक झपकते ही असंख्य सूचनाएँ प्राप्त,

पूरे विश्व ने इसे हर्षोल्लास से मनाया।


बैंकिंग, ई-शॉपिंग हो गई बहुत आसान,

घर बैठे -बैठे पूर्ण कर सकते हैं सारे काम,

गूगल जैसे सर्च इंजन प्रशंसा के हकदार,

दूरियाँ सिमटकर बनी नज़दीकियाँ, मिलना हुआ आसान।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

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