योग की शक्ति

योग प्राणायाम तो रहा है हमेशा                   

हमारे जीवन का आधार,

परंतु जिंदगी की भाग दौड़ में                            

भूल बैठा था इसको सारा संसार।


धीरे-धीरे संपूर्ण विश्व में आ गई चेतना,                        

और रखने लगे ध्यान सब अपना।

    है इसमें बहुत-सी बीमारियों का इलाज,                     

     सब रोगों से लड़ने में भी हो रहा है कामयाब।


   मन और मस्तिष्क को करता है यह निर्मल, 

    अपनाकर इसे जीवन बनाओ  सफल।

       बीमारियाँ बिगड़ कर बन रही हैं काल,

  तन और मन को स्वस्थ रख बनो इसकी ढाल।


   अब आगे भी आएगी बीमारियों की लहर,

      जिससे हमको बचना, बचाना है हर प्रहर।

        बच्चे और बूढ़े सभी अपनाएँ योग प्राणायाम

      और मिलकर लगाएँ सब रोगों पर लगाम।


   योग भर दे निराशा में आशा का संचार,

    अपनाने से आती जीवन में शांति की बहार।

    योग  से पक्का होता मन का विश्वास,

    आता  सकारात्मकता का प्रकाश।


     इसलिए करते रहो योग प्राणायाम नियमित 

   और  होते रहो एक-दूसरे से प्रोत्साहित 

  आओ खाएँ अब सभी ये कसम,

      योगा प्राणायाम से बनाएँ सुंदर तन और मन।


रचयिता

अंशु पाठक,

सहायक अध्यापक,

राजकीय प्राथमिक विद्यालय अंबेडकर बस्ती नत्थनपुर,

विकास खण्ड-रायपुर,

जनपद-देहरादून,

उत्तराखण्ड।



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