राष्ट्रमंडल दिवस

जब-जब आई समस्या ढूँढा गया निदान,

सभी देशों ने निकाला फिर एक समाधान,

राष्ट्रमंडल देश बना, सभी शर्तें की स्वीकार,

द्वेष भाव को छोड़कर बने महान इंसान।


इंसानियत और मानवता को बढ़ावा था देना,

मिलजुलकर आपदाओं का निदान था ढूँढना,

शांति के साथ हल करने का रास्ता निकाला,

53 राष्ट्रमंडल सदस्यों में भारत शक्तिशाली बना।


सर्वप्रथम 1901 में महारानी विक्टोरिया ने सोचा,

कुछ समय बाद 1958 में राष्ट्रमंडल दिवस सोचा,

ब्रिटिश साम्राज्य से कोई देश ना था अछूता,

एकत्रित रखने को एक विचार फिर है सूझा।


एकता से संसार में शांति का हो प्रावधान,

1973 में मार्च के दूसरे सोमवार का बना विधान,

सामाजिक मुद्दे पर एक थीम का हुआ चयन,

24 मई 2021 को 71वीं वर्षगांठ होगी रोशन।


शांति, अमन हो चारों तरफ यही हमारा नारा,

हम सबको अपना देश है प्राणों से प्यारा,

सत्य अहिंसा की नीव को कोई ना हिला पाए,

विश्व बंधुत्व का संदेश देता देश हमारा।


रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।

Comments

Total Pageviews