अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस

नर्स (सिस्टर) दिन रात सेवा करती है 

मरहम पट्टी करके,  मुस्कान भरती है


कई-कई रातें  जागे  वो अस्पताल में

मांँ जैसी  सेवा  रोगियों  की करती है


दोस्त, बहन, साथी  बन भरती हौसला 

रोगों से मिलेगी निजात, उत्साह देती है 


डॉक्टर  की बातों का अनुसरण करें

हर-पल की  रिपोर्ट  वह दर्ज करती है


घर, परिवार, अपनों को  छोड़  कर वे

अस्पताल में  दिन-रात सेवा करती है


दवा  संग दुआ  काम करे  वह  कहती

स्वस्थ हो रोगी, सदा मुस्कान  भरती है


कितना भी गहरा डरावना, घाव नहीं डरती है 

निज कर्तव्य पर अडिग, आठों पहर रहती है 


बिन भेदभाव स्वास्थ्य का रखती वो ख्याल 

नमन करूँ सिस्टर को, दर्द सबका हरती है 


रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी, 
जनपद-जौनपुर।

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