सावन का महीना

आया सावन का महीना,
कोयल गा रही गाना,
चारों ओर हरियाली छाई,
आसमान में घटा घिर आयी,
पहाड़ों ने ओढ़ी कोहरे की चुनरी,
बागों में नाचे मोर मोरनी,
झरने का झर झर बहता पानी,
इंद्रधनुष की सतरंगी कहानी,
सावन की घटा जो छाई,
बारिश में प्रकृति नहायी,
सावन की बहार है आयी,
फसलों की सौगात भी लाई,
धरती पर हरियाली छाई,
झूला पड़ा कदम की डाली,
झूले राधा और गिरधारी,
सब सखियों संग बारी बारी।

रचयिता
सुनीता मैन्दोलिया,
सहायक अध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय धीमरखेडा नवीन,
विकास खण्ड-काशीपुर,
जनपद-उधम सिंह नगर,
उत्तराखण्ड।

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