विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस

एक पेड़ हम लगाएँ, एक पेड़ तुम लगाओ,
एक- एक पेंड़ से उपवन बन जाएगा।
धरती होगी हरी-भरी, पक्षी गाएँगे मल्हार,
मेरा प्यारा भारत देश, चमन बन जाएगा।
पेड़ों से मिलती है हवा, साँस तभी आती है।
शुद्ध हवा लेने से, जिंदगी बढ़ जाती है।
यदि पेड़ होंगे कम, तो भूचाल आएगा
एक पेड़ हम लगाएँ.......................

पेड़ हम लगा धरा की जिंदगी संवार दें।
जननी, वसुंधरा का ऋण हम उतार दें।
नासमझ बना रहा तो कष्ट बहुत उठाएगा।
एक पेड़ हम लगाएँ........................

पेड़ हमें देते जीवन, यह उनका उपकार है।
लेकिन हमने इसके बदले किया उनका संहार है।
यदि एक पेड़ लगाएगा तो मोक्ष तू पाएगा।
एक पेड़ हम लगाएँ........................

जीवित रहकर या मरकर जो काम सबके आते हैं।
दुनिया में आकर वह अपना नाम कर जाते हैं।
पेड़ हैं उसी की तरह, जब तू जान पाएगा।
एक एक करके तू अनेक पेड़ लगाएगा।
एक पेड़ हम लगाएँ.........................

रचयिता
अवनीश कुमार गंगवार,
सहायक अध्यापक,
राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सतुईया,  
विकास क्षेत्र- रुद्रपुर, 
जनपद- ऊधम सिंह नगर,
जनपद-उत्तराखण्ड।

Comments

  1. बहुत ही शानदार गीत ।।दिल को छूने वाली रचना ।ये मोक्ष तू पायेगा ।।अति उत्तम ।।

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