पापा मेरा नाम लिखा दो

पापा मेरा नाम लिखा दो मैं भी पढने जाऊँगा....
दूर नहीं जाना है मुझको सरकारी में जाऊँगा....
मम्मी मेरा नाम लिखा दो मैं भी पढ़ने जाऊँगी....
दूर नहीं जाना है मुझको सरकारी में जाऊँगी....

जूता मिलता मोजा मिलता, मिलता स्वेटर, यूनिफार्म है...
गर्म-गर्म खाना भी मिलता फिर प्राइवेट स्कूल का क्या काम है...

खेल-खेल में मैंम पढ़ाती, tlm का भंडार है.
डांस भी होता गाना भी होता जब आता शनिवार है...

निःशुल्क किताबें हैं मिलती, फीस का न कोई बवाल है...
फल और दूध पीने को मिलता, स्वास्थ्य का पूरा ख्याल है...

पापा मेरा नाम लिखा दो मैं भी पढ़ने जाऊँगी....
दूर नही जाना है मुझको सरकारी में जाऊँगी...

रचयिता
मृदुला सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गम्भीरपुर कछार,
विकास खण्ड-कल्याणपुर, 
जनपद-कानपुर नगर।

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