कथा सम्राट

हल्कू ने काटी पूस की रात
सौतन कहानी की थी कोई बात।
मंत्र थी एक मर्मस्पर्शी कहानी,
ईदगाह सुनी थी शिक्षक की जुबानी।
ठाकुर का कुँआ हो गया खास,
गोदान है एक उपन्यास।
पंच परमेश्वर लिखी थी उन्होने,
बडे भाई साहब छोटे के सामने बौने।
दो बैलों की कथा थी अच्छी,
बड़े घर की बेटी को समझा बच्ची।
कहानी सबके दिल को छू गयी गबन,
सबको रुला देनी वाली कहानी कफन।
कहानी दिल की रानी थी,
दो बहनें बन गयी कहानी थी।
हंस पत्रिका से प्रेमचंद मुंशी बन गये थे
घनपतराय कथा सम्राट जाने गये थे
                             
रचयिता
नन्दी बहुगुणा,
प्रधानाध्यापक,
रा० प्रा० वि० रामपुर,
विकास खण्ड-नरेन्द्रनगर,
जनपद-टेहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

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