हम बालक भोले नादान

मात-पिता का मान बढ़ाएँ
देश की अपने शान बढ़ाएँ
बैर  भाव  सब  दूर  भगाएँ
भटको को हम राह दिखाएँ
प्रभु जी! दे दो यह वरदान।
हम   बालक  भोले नादान।
कलुष-तमस को दूर भगाएँ
उजियारा  जग  में  फैलाएँ
 हरियाली  धरती  पर लाएँ
पर्यावरण को स्वच्छ बनाएँ
प्रभु जी! हमको दे दो ज्ञान।
हम  बालक  भोले  नादान।
पढ़ें-लिखें और नाम कमाएँ
लालच  कभी न मन में लाएँ
सच, सेवा को हम धर्म बनाएँ
देश पर  अपने  प्राण  लुटाएँ
सत-कर्मों  का  करें बखान।
हम  बालक  भोले  नादान।
         
रचयिता
राजबाला धैर्य,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिरिया नारायणपुर,
विकास खण्ड-क्यारा, 
जनपद-बरेली।

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