विद्यालय पढ़ने जाऊँगा

माँ मैं भी सरकारी विद्यालय      

            पढ़ने जाऊँगा,               

  पढ़ लिखकर वहाँ अपना    

           सुंदर भविष्य बनाऊँगा।।


देखो कितना सुंदर इस  

     विद्यालय को सजाया है,  

 रंग-बिरंगे चित्रों से 

        इसे रंगीन बनाया है 

 रोली चावल का तिलक  

   लगवा कर गुरु वंदन मैं 

                  गाऊँगा।।


माँ मैं भी सरकारी विद्यालय   

          पढ़ने जाऊँगा,

 पढ़कर वहाँ अपना सुंदर   

         भविष्य बनाऊँगा।।


नई किताबें नई ड्रेस सभी   

          वहाँ से मिलता है ,

डी बी टी के माध्यम से           

        पैसा माँ-बाप के खाते   

                  में आता है।

खर्चा मेरे पढ़ने का मैं तुमसे  

     ज्यादा नहीं करवाऊँगा,

 माँ मैं भी सरकारी विद्यालय   

       पढ़ने जाऊँगा।।


घर के पास है विद्यालय   

       पढ़ने दूर नहीं जाना है, 

   आने-जाने में ही क्यों             

    समय व्यर्थ गँवाना है।

योग्य शिक्षकों से पढ़कर मैं  

         जल्दी घर को आऊँगा, 

 सदुपयोग करके बचे समय  

         जीवन सफल बनाऊँगा।।


माँ मैं भी सरकारी विद्यालय   

      पढ़ने जाऊँगा,

पढ़कर वहाँ अपना सुंदर 

        भविष्य बनाऊँगा।।


रचयिता

अर्चना शर्मा,

सहायक अध्यापक,

कंपोजिट विद्यालय सुरेहरा,

विकास खण्ड-एत्मादपुर,

जनपद-आगरा।

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