हम बच्चे हैं कच्ची मिट्टी
हम बच्चे हैं
कच्ची मिट्टी
गुरुवर थाप
लगा देना।
अगर कहीं
हम भटक
रहे हों
प्यार से तुम
समझा देना।
तुम जो कहते
सच लगता है।
रब से बड़े तुम
जग कहता है।
हम सब
नन्हीं-नन्हीं
कलियाँ।
हमको फूल
बना देना।
बन पाएँ
हम इंसान
अच्छे।
बस ये ज्ञान
हमें देना।
रचयिता
डॉ0 निशा मौर्या,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मीरजहांपुर,
विकास खण्ड-कौड़िहार-1,
जनपद-प्रयागराज।
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