130/2024, बाल कहानी-30 जुलाई


बाल कहानी- ठाकुर दरियाव सिंह
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           बात सन् अठारह सौ सत्तावन की है। पूरे देश में स्वतन्त्रता संग्राम की लड़ाई लड़ी जा रही थी। हर कोई अपने स्तर से इस संघर्ष में लगा हुआ था। इलाहाबाद और कानपुर के बीच में फतेहपुर जिला पड़ता है । फतेहपुर में भी यह संघर्ष जोरों पर था। फतेहपुर जनपद के पूर्वी भाग का क्षेत्रफल वर्तमान में खागा तहसील के अन्तर्गत आता है। यहीं पर खागा गढ़ी के तालुकेदार ठाकुर दरियाव सिंह के घर में एक पुत्र का जन्म हुआ। नाम था- सुजान सिंह। सुजान सिंह अपने पिता जी को इस संग्राम में हिस्सा लेते हुए देखा करते थे। इलाहाबाद के संघर्ष नायक- मौलवी लियाकत अली साहब तथा कानपुर के नाना साहब का इनके यहाँ बराबर आना-जाना लगा रहता था। अपने पिता एवं परिवार के लोगों को ऐसे तमाम देशभक्तों के साथ बातें करते देखा करते थे। देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने की चर्चा एवं योजनाओं को सुना करते थे। 
           अब तक सुजान सिंह की उम्र करीब बीस-बाइस वर्ष की हो गयी थी। यह प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम अपने चरम पर था। इलाहाबाद की तरफ इस संघर्ष की कमान को मौलवी लियाकत अली साहब ने संभाल रखा था। तो कानपुर एवं बिठूर की तरफ नाना साहब एवं ताँत्या टोपे अंग्रेजों से डटकर मुकाबला कर रहे थे । ऐसे में फतेहपुर जनपद के ठाकुर दरियाव सिंह कैसे चुप बैठते? उन्होंने भी अपने इष्ट मित्रों एवं परिवार के साथ फतेहपुर को आजाद कराने की योजना बनायी। इसके लिए अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श हेतु भेंट करने को प्रस्थान कर गये।
‌ इसी बीच खागा के माहौल को अपने अनुकूल देखकर बिना पिताजी का इन्तजार किए सुजान सिंह ने अपने सेनानियों के साथ तहसील खागा कोषागार पर हमला कर दिया। सुजान सिंह को इसमें बड़ा संघर्ष करना पड़ा। कोषागार की सुरक्षा में लगे अंग्रेज सैनिकों की हत्या भी करनी पड़ी।
‌ ठाकुर दरियाव सिंह जब वापस आये तो उन्हें खागा पर अपना अधिकार होने का समाचार मिला। अपने पुत्र की वीरता को देखकर उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने अपने पुत्र की पीठ थपथपाई और सभी साथी सेनानियों का बड़ा सम्मान किया। ऐसे थे ठाकुर दरियाव सिंह और उनके वीर पुत्र ठाकुर सुजान सिंह।

संस्कार सन्देश-
हमारे देश में अगणित देश-भक्त हुए हैं, जिनकी वीरता की कहानी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं।

‌लेखक-
रामचन्द्र सिंह (स०अ०)
प्रा० वि० जगजीवनपुर-2
ऐरायाँ- फतेहपुर (उ०प्र०)

कहानी वाचक-
नीलम भदौरिया
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम मिशन शिक्षण संवाद
नैतिक प्रभात

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