131/2024, बाल कहानी-31 जुलाई
बाल कहानी- चप्पल
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सुन्दर नाम के गाँव में एक किसान रहता था। उसके दो पुत्र थे। दोनों पुत्र पास के एक स्कूल में पढ़ते थे। किसान पढ़ा लिखा नहीं था। उसकी पत्नी भी पढ़ी लिखी नहीं थी, फिर भी दोनों लोग मिलकर अपनी सूझ-बूझ से बच्चों को घर पर शाम के वक्त प्रतिदिन पढ़ने के लिए अपनी देख-रेख में कहते।
इसके इलावा दोनों बच्चों को सफाई से समय से स्कूल भेजते और अभिभावक मीटिंग में भी जाते थे। कुल मिलाकर किसान और उसकी पत्नी बच्चों की पढ़ाई के लिए बहुत जागरूक थे।
किसान की सोच थी कि जिस आर्थिक स्थिति को हम पति-पत्नी ने महसूस किया है, उस दौर से मेरे बच्चे न गुजरें।
बच्चे पढ-लिख कर अपने पैरों पर खड़े हो जायें और अच्छा जीवन यापन करें।
एक दिन की बात है किसान बच्चों को स्कूल छोड़कर वापस आ रहा था। तभी उसकी चप्पल टूट गयी। जैसे-तैसे कुछ दिन पहले ही किसान ने चप्पल जोड़ी थी। आज फिर टूट गयी।
किसान ने सोचा कि कुछ पैसे जेब में हैं। कल रविवार है। बच्चों के साथ बाजार जाकर चप्पल ले लूँगा और बच्चों को भी कुछ दिला दूँगा बाजार से। कई दिनों से बच्चे बाजार घूमने के लिए कह रहे हैं।
अगले दिन किसान बच्चों के साथ बाजार गया। सौ रुपए की चप्पल ली और पैसों की थैली दुकानदार को देते हुए बोला-, "आप सौ रुपए चप्पल के लेकर बाकी पैसे वापस कर दो। मुझे पैसे गिनना नहीं आता। हम पढ़े-लिखे नहीं है।"
दुकानदार बोला-, "इस थैली में सौ से कम रुपए हैं और पैसा दो।" किसान हैरान हो गया! वह ये सोचकर परेशान था कि अब बच्चो को क्या दिलाऊँगा! उसका अन्दाजा था, लगभग दो सौ से तीन सौ रुपए होंगे थैली में।
अभी किसान सोच ही रहा था कि
किसान का पुत्र तुरन्त बोल उठा-, "पिताजी ये आप क्या कर रहे हैं? लाइये पैसों की थैली.. मैं गिनकर सौ रुपए देता हूँ।" उसने गिनना शुरू किया तो उसमे दो सौ नब्बे रुपए थे। दुकानदार बच्चे की गिनती देखकर शर्मिन्दा हुआ और माफ़ी माँगते हुए चप्पल नब्बे रुपए की दे दी। किसान बहुत खुश हुआ।
किसान को अपने पुत्र पर गर्व महसूस हुआ। उसे मन ही मन एहसास हुआ कि अब उसका सपना जरूर पूरा होगा। उसके बच्चे पढ़-लिख कर अच्छा जीवन यापन करेंगे। मेरी तरह हर किसी पर एतबार करके बेवकूफ नहीं बनेंगे।
संस्कार सन्देश-
जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। वास्तव में शिक्षा ही जीवन है।
लेखिका-
शमा परवीन
बहराइच (उत्तर प्रदेश)
कहानी वाचक-
नीलम भदौरिया
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)
✏️संकलन
📝टीम मिशन शिक्षण संवाद
नैतिक प्रभात
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