122/2024, बाल कहानी- 20 जुलाई


बाल कहानी- पॉलिथीन का दुष्प्रभाव
-------------------------

गढ़ी नामक गाँव में बरसात में बहुत सारा पानी पूरे गाँव में भर जाता था। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता था।एक दिन तो इतनी बारिश हुई कि मोलू के पूरे घर में पानी भर गया। सारा सामान पानी में डूब गया। तभी अचानक गाँव के मुखिया का बेटा गाँव में आता है और देखता है कि पूरे गाँव में पानी ही पानी है, तो सोचने लगता है कि इसका कारण क्या हो सकता है? बहुत सोचने तथा खोज करने पर कुछ जानकारी प्राप्त होती है, तो वह गाँव के लोगों की एक बैठक बुलाता है।
सभी लोग बैठक में उपस्थित होते हैं तो पूछता है कि-, "आप सब लोग खाने का सामान किस चीज में रखकर लेते हो?  
एक व्यक्ति-, "साहब पॉलिथीन में।"
तब वह बताता है-, "क्या आप लोग जानते है कि इस पॉलिथीन को बनाने में जो रंग का इस्तेमाल होता है, वह लेड और कैडनियम से मिलकर बनता है। जब हम खाने की चीजे उसमें रखकर लाते हैं तो वह खाने के साथ हमारे शरीर में पहुँच जाता है, जिसके कारण हमें अनेकों घातक बीमारियाँ हो जाती हैं। साथ ही हम सामान निकालने के बाद जब उसको हम यहाँ-वहाँ डाल देते हैं। जो कभी भी नष्ट नहीं होती है।" एक व्यक्ति पूछता है कि-, "इससे और पानी भरने से क्या मतलब है?" तो वह बताता है-, "आज वही पॉलिथीन के कारण नालियों से पानी नहीं निकल पा रहा है और पूरे गाँव में पानी भर गया है। चलो! सभी लोग पालीथीन बीनकर सफाई का अभियान चलाते है।" बस क्या था, सभी लोग पालीथीन हटाने लगते हैं। थोड़ी ही देर में पूरे गाँव का पानी निकल जाता है।

संस्कार सन्देश-
हम सभी शपथ लेते हैं कि अब हम पॉलिथीन में कोई भी सामान नहीं लायेंगे।

लेखिका 
अंजनी अग्रवाल (स०अ०)
उच्च प्रा० वि० सेमरुआ
सरसौल (कानपुर नगर)

कहानी वाचक-
नीलम भदौरिया
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम मिशन शिक्षण संवाद
नैतिक प्रभात

Comments

Total Pageviews