बेसिक का उत्थान

जुट जाएँ हम सब मिलकर के,बेसिक के उत्थान में।
    आओ हम खुशहाली बो दें, इन नन्हीं मुस्कान में।।
            जुट जाएँ हम........

    ये बच्चे भविष्य भारत के, जिनसे राष्ट्र बनेगा।
    इनके सुविकसित होने पर ही, विश्व गुरू बनेगा।।
    विश्व गुरू बनाने को हम,मन में अपने ठान लें।।
             जुट जाएँ हम........

     सब गुरुजन मिल आज सँवारें, बचपन के स्वरूप को।
     सहते जाते,हँसते-गाते,जाड़ा,पानी, धूप को।।
     बहे पसीना तन से श्रम का, बचपन के स्नान में।।
              जुट जाएँ हम......

      कहीं न ऐसा हो कि हमारे ,रहते ये बदनाम हो।
      रहते हुए ज्ञानदाता के, घनी अँधेरी न शाम हो।।
      व्रत लें दाग न लगने देंगे,अपनी पावन शान में।।
      जुट जायें हम सब.......

रचयिता
अनिल कुमार बाथम,
प्रभारी अध्यापक, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय ढरकन,
विकास खण्ड-सहार,
जनपद-औरैया।

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