अमर शहीद मंगल पांडेय
आजादी का प्रथम वीर
स्वातंत्र्य समर का प्रथम वीर
अरि के मस्तक का शूल बना।
नारायण का वह दिव्य चक्र,
शिव शंकर का त्रिशूल बना।।
दुश्मन की छाती पे जिसने
पहली गोली मारी।
जिसके दिल मे धधक रही थी,
क्रांति की चिंगारी।।
स्वाधीनता की बलि वेदी पर
प्रथम आहुति जिसकी।
भरत भूमि का अमर पूत वह
करें आरती उसकी।
मेरठ से शुरुआत हो गयी
तोड़ गुलामी ताले।
यूपी ने अगुवाई करके
थामी क्रांति मशालें।।
बलिया का बलिदानी मंगल
दिवाकर अभय का
बेटा।
मारो फिरंगी को कहकर
अरि की छाती पर चढ़ बैठा।।
अठरा सौ सन सत्तावन का,
पहला क्रांतिकारी।
मेजर ह्यूसन, बॉब को जिसने
छाती पर गोली मारी ।
गाय-सूअर के चर्बी युक्त
कारतूसों का बहिष्कारी।
आजादी का स्वर्ण हस्ताक्षर
माने दुनिया सारी।
19 जुलाई 1827
जिनकी आज जयंती।
मंगल पांडेय अमर रहे
बोले है हृदतन्त्री।
आजादी के प्रथम सूर्य की
प्रथम किरण बन आये।
आओ हम सब हर्षित होकर
मंगल दिवस मनाएँ।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
स्वातंत्र्य समर का प्रथम वीर
अरि के मस्तक का शूल बना।
नारायण का वह दिव्य चक्र,
शिव शंकर का त्रिशूल बना।।
दुश्मन की छाती पे जिसने
पहली गोली मारी।
जिसके दिल मे धधक रही थी,
क्रांति की चिंगारी।।
स्वाधीनता की बलि वेदी पर
प्रथम आहुति जिसकी।
भरत भूमि का अमर पूत वह
करें आरती उसकी।
मेरठ से शुरुआत हो गयी
तोड़ गुलामी ताले।
यूपी ने अगुवाई करके
थामी क्रांति मशालें।।
बलिया का बलिदानी मंगल
दिवाकर अभय का
बेटा।
मारो फिरंगी को कहकर
अरि की छाती पर चढ़ बैठा।।
अठरा सौ सन सत्तावन का,
पहला क्रांतिकारी।
मेजर ह्यूसन, बॉब को जिसने
छाती पर गोली मारी ।
गाय-सूअर के चर्बी युक्त
कारतूसों का बहिष्कारी।
आजादी का स्वर्ण हस्ताक्षर
माने दुनिया सारी।
19 जुलाई 1827
जिनकी आज जयंती।
मंगल पांडेय अमर रहे
बोले है हृदतन्त्री।
आजादी के प्रथम सूर्य की
प्रथम किरण बन आये।
आओ हम सब हर्षित होकर
मंगल दिवस मनाएँ।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
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