बरखा रानी का स्वागत
बरखा रानी के स्वागत को,
दादुर, मोर आशान्वित होंगे।
धरती माता को सिंचित कर,
जल बिंदु आह्लादित होंगे।
खेत,नदी,पोखर में,
केवल जल ही जल होगा।
वनस्पति युक्त धरा होगी,
कीचड़ में कमल होगा।
अन्न उगाने को तत्पर ,
कृषक मन विह्वल होगा।
अन्नदाता की उपज से,
समस्त देश सबल होगा।
पगडण्डियों औ सड़कों पर,
चीटियों की लम्बी रेखा होगी।
तालाबों के तटों से,
मेढकों की टर्र -टर्र होगी।
यत्र-तत्र-सर्वत्र हरित घास,उपवन होंगे।
बरखा रानी के स्वागत को,
दादुर,मोर आशान्वित होंगे।
रचयिता
अभिनेन्द्र प्रताप सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय शाहपुर टिकरी,
विकास क्षेत्र-मंझनपुर,
जनपद-कौशाम्बी।
दादुर, मोर आशान्वित होंगे।
धरती माता को सिंचित कर,
जल बिंदु आह्लादित होंगे।
खेत,नदी,पोखर में,
केवल जल ही जल होगा।
वनस्पति युक्त धरा होगी,
कीचड़ में कमल होगा।
अन्न उगाने को तत्पर ,
कृषक मन विह्वल होगा।
अन्नदाता की उपज से,
समस्त देश सबल होगा।
पगडण्डियों औ सड़कों पर,
चीटियों की लम्बी रेखा होगी।
तालाबों के तटों से,
मेढकों की टर्र -टर्र होगी।
यत्र-तत्र-सर्वत्र हरित घास,उपवन होंगे।
बरखा रानी के स्वागत को,
दादुर,मोर आशान्वित होंगे।
रचयिता
अभिनेन्द्र प्रताप सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय शाहपुर टिकरी,
विकास क्षेत्र-मंझनपुर,
जनपद-कौशाम्बी।
सुन्दर और मनोरम वर्णन...👌👌
ReplyDelete