बढ़ती जनसंख्या
तेजी से बढ़ती जनसंख्या।
कई समस्या पैदा करती।
खान-पान की बढ़ी समस्या।
गरीबी देखो पैदा करती।
बेरोजगारी का कारण जनसंख्या।
जन-जन को है पीड़ित करती।
आर्थिक संकट की है समस्या
महँगाई तेजी से बढ़ती।
भ्रष्टाचार बढ़ाती जनसंख्या ।
जीना सबका मुश्किल करती।
न्याय न मिलने की है समस्या।
अनेक समस्या को है बढ़ाती ।
जीना मुश्किल करती जनसंख्या।
नई बीमारी है फैलाती।
ऊर्जा संकट की है समस्या ।
खाद्यान्न समस्या है बढ़ती जाती।
सारे संकट की जड़ जनसंख्या।
वन्यजीवों पर समस्या है आती।
जीवों को जीने की समस्या।
रोज नये सितम है ढाती।
भारी संकट है जनसंख्या ।
कुछ तो कदम उठानी होगी।
जन जागरूकता की है समस्या ।
जन-जन जागरूकता लानी होगी।
रचयिता
हरीओम सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय पेरई,
विकास खण्ड-नेवादा,
जनपद-कौशाम्बी।
कई समस्या पैदा करती।
खान-पान की बढ़ी समस्या।
गरीबी देखो पैदा करती।
बेरोजगारी का कारण जनसंख्या।
जन-जन को है पीड़ित करती।
आर्थिक संकट की है समस्या
महँगाई तेजी से बढ़ती।
भ्रष्टाचार बढ़ाती जनसंख्या ।
जीना सबका मुश्किल करती।
न्याय न मिलने की है समस्या।
अनेक समस्या को है बढ़ाती ।
जीना मुश्किल करती जनसंख्या।
नई बीमारी है फैलाती।
ऊर्जा संकट की है समस्या ।
खाद्यान्न समस्या है बढ़ती जाती।
सारे संकट की जड़ जनसंख्या।
वन्यजीवों पर समस्या है आती।
जीवों को जीने की समस्या।
रोज नये सितम है ढाती।
भारी संकट है जनसंख्या ।
कुछ तो कदम उठानी होगी।
जन जागरूकता की है समस्या ।
जन-जन जागरूकता लानी होगी।
रचयिता
हरीओम सिंह,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय पेरई,
विकास खण्ड-नेवादा,
जनपद-कौशाम्बी।
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