सर्व शिक्षा अभियान

सर्व शिक्षा अभियान निराला
गाँव-गाँव शहर-शहर इसने
ज्ञान की अलख को जगाया
द्वार-द्वार बेटी पढ़ाओ का
विगुल बजाया
घर घर विद्या दान बढ़ाया
आँगन-आँगन फैला
शिक्षा का उजियारा
मिटने लगा अँधकार सारा
भ्रूण हत्या का जो अभिशाप मिटा
माँ की कोख का दर्द घटा
बेटा है आँखों का तारा
तो बेटी है खुशियों का पिटारा
हर आँगन में गूँजने लगी
बेटी की किलकारी
बेटी हो गयी अब बेटों सी प्यारी
नई सोच से छायी ऐसी खुशहाली
मिट गयी जीवन की सारी बदहाली

रचयिता
दीप्ति दुबे,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गंगधरापुर,
जनपद-कन्नौज।

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