बाल पहेलियाँ

1--तीन रंगों से मैं बन जाता,
    भारत की पहचान बताता।
   जब भी राष्ट्रीय पर्व हैं आते,
   गर्व से लोग मुझे फहराते।।

  2--नन्हें-नन्हें पंख हिलाता,
    खून चूसकर मैं उड़ जाता।
   अगर काट लूँ मैं जिसको भी
     है बीमार वो पड़ जाता।।

3--देश-विदेश की ख़बर दिखाता,
     मनोरंजन भी खूब कराता।
     चैनल को मेरे बदलो तो
    मनचाही चीजें दिखलाता।।

4--रंग-बिरंगे पंख हिलाती
   फूल-फूल पर वो मंडराती।
   बच्चों के मैं मन को भाती,
   हाथ लगाते ही उड़ जाती।।

5--बारिश का मौसम जब आये,
     टर्र-टर्र आवाज़ लगाये।
   जाते ही बारिश का मौसम
   धरती के अंदर छुप जाये।।

1-तिरंगा झण्डा
2-मच्छर
3-टेलीविजन
4-तितली
5-मेंढक

रचयिता
ओमकार पाण्डेय,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय किरतापुर,
विकास क्षेत्र-सकरन,
जनपद सीतापुर।

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