स्कूल चलो अभियान 2018

बैनर और बच्चे साथ में ले, अब आगे बढ़ चले,
स्कूल चलो अभियान को, शिक्षक निकल पड़े।

रोक ना पाएँगी रास्ता, हो गर्मी चाहें बरसात,
मिलकर रहेगी बच्चों को, शिक्षा की सौगात।

समझाते हैं बड़े प्यार से, जो कुतर्क करते हैं,
घर घर जा अभिभावकों से संपर्क करते हैं।

नारे लगाते साथ-साथ, विद्यार्थी दल चल पड़े,
स्कूल चलो अभियान को, शिक्षक निकल पड़े।

गाँव वालों करो जरा, तुम समझने का प्रयास,
बच्चों को स्कूल में भेजो, कर हम पर विश्वास।

निरक्षरता है,जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप,
शिक्षा पाना है, जीवन के सभी गुणों में खास।

गाँव के इन बच्चों के, शुभचिंतक निकल पड़े,
स्कूल चलो अभियान को, शिक्षक निकल पड़े।

मिड डे मील खिला करेंगे कुपोषण का विनाश,
शिक्षा देकर करेंगे, बच्चों का सर्वांगीण विकास।

हर नुक्कड़ पर रुक रुककर, नारे सभी लगाते हैं,
अनपढ़ गाँव वालों को, शिक्षा का महत्व बताते हैं।

शिक्षा का महत्त्व बताने को, सज्जन निकल पड़े,
स्कूल चलो अभियान को, शिक्षक निकल पड़े।

जय शिक्षक,जय भारत

रचयिता
प्रदीप कुमार,
सहायक अध्यापक,
जूनियर हाईस्कूल बलिया-बहापुर,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा,
जनपद-मुरादाबाद।

विज्ञान सह-समन्वयक,
विकास खण्ड-ठाकुरद्वारा।

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