एक कदम स्वच्छता की ओर
स्वच्छ रहे तन, स्वच्छ रहे मन,
यही हमारा नारा है।
भारत को शौच मुक्त करना,
यही संकल्प हमारा है।
प्रातः उठें और ध्यान रहे,
शौचालय का उपयोग करें।
हाथों को धोकर साबुन से,
स्वच्छ आदत का विकास करें।
बाल झाड़ नखों को काट,
चलें पहनकर वस्त्र साफ़।
सपनों की उड़ान भरने को,
तैयार हुए हम पढ़ने को।
भोजन में आये तभी स्वाद,
जो खाने के पहले और बाद।
हाथों को रगड़ कर धोते हैं,
वो ही बच्चे अच्छे होते हैं।
रचयिता
निधि केडिया,
प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।
यही हमारा नारा है।
भारत को शौच मुक्त करना,
यही संकल्प हमारा है।
प्रातः उठें और ध्यान रहे,
शौचालय का उपयोग करें।
हाथों को धोकर साबुन से,
स्वच्छ आदत का विकास करें।
बाल झाड़ नखों को काट,
चलें पहनकर वस्त्र साफ़।
सपनों की उड़ान भरने को,
तैयार हुए हम पढ़ने को।
भोजन में आये तभी स्वाद,
जो खाने के पहले और बाद।
हाथों को रगड़ कर धोते हैं,
वो ही बच्चे अच्छे होते हैं।
रचयिता
निधि केडिया,
प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।
Nice
ReplyDeleteखुले से शौच मुक्त
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