लहराए तिरंगा

आजादी की पावन धुन पर

लहराए इतराये तिरंगा।

धरती माँ के आँचल पर

दूर गगन और अम्बर तक

प्रीत की रीत सिखाये तिरंगा।।

        वीरों के हर शौर्य की गाथा

        आजादी के राह की गाथा

        आँसू और बलिदान की व्यथा

हर दिन हर पल गाये तिरंगा।।


सूनी गोद और आँचल का

दुल्हन के घायल सपनों का

बिखरे, ख्वाबों अरमानों का

अमर शहीदों के जज्बे का

लहू के हर पावन कतरे का

देखो तुम अपमान ना करना।।

   आजादी की अमर कथा ये

   हर दिन हर पल गाये तिरंगा

  अपने जीवन से भी पहले

  देश का मान सिखाये तिरंगा।

        आजादी की पावन धुन पर

        लहराए बलखाये तिरंगा।


रचयिता

मंजरी सिंह,

प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उमरी गनेशपुर,
विकास खण्ड-रामपुर मथुरा,
जनपद-सीतापुर।



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