कृष्ण जन्माष्टमी

भादो मास  रोहिणी  नक्षत्र

अष्टमी की पावन बेल में

मथुरा में काल-काली रातों में

घनघोर अंधेरी बरसाती रात में

माता देवकी पिता वसुदेव के

कंस कारागार में जन्म लियो

द्वापर युग में 8वीं सन्तान ने

टूट गयी बेड़ी खुल गए द्वार रे

द्वार पाल सब  सारे सोबत रहे 

सूप में कान्हा को सर पर राखे

नंद बाबा यमुना पार भयो रे

पहुँचे गोकुल में नंद यशोदा घरे।।

एक ने  कान्हा को जन्म दियो

दूजी पालन हार  मैया यशोदा रे

 बाँसुरिया बजा दही माखन खावे

सर पर  सुंदर मोर मुकुट सजावे।।

सबका मन  मोहन मोह लियो रे

दूध दधि माखन की नदियाँ 

ब्रज में बहनन लगी 

गायें भी लगीं रंभाने


रचयिता

माधुरी पौराणिक,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय हस्तिनापुर,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-झाँसी।



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