आजादी का‌ पर्व

आजादी का पर्व निराला 

तीन रंग के वेश में।

हर घर लहरायेगा तिरंगा 

मेरे भारत देश में।


सावन की अमृत‌ फुहार को,

धरती अपनी तरस रही।

हरी‌‌-भरी इस वसुन्धरा में,

घर-घर खुशियाँ बरस रहीं।


आजादी का‌ पर्व मनाएँ,

इस सुन्दर परिवेश में।

आजादी का‌ पर्व निराला।

तीन रंग के वेश में।।


आजादी अमूल्य है अपनी,

इसका कोई मोल नहीं।

रहे तिरंगा ऊँचा हरदम,

इससे सुन्दर बोल नहीं।


वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्,

गूंजे सारे देश में।

आजादी का‌ पर्व निराला।

तीन रंग में वेश में।।


रचयिता

रीता गुप्ता,

सहायक अध्यापक,

पूर्व माध्यमिक विद्यालय कलेक्टर पुरवा,
विकास खण्ड-महुआ,
जनपद-बाँदा।



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