कृष्ण जन्माष्टमी

गोपाला गोपाला, 

है वो प्यारा नंदलाला। 

माखन और मिश्री का,

नटखट है खाने वाला।। 


 सूरत पे बलिहारी, है यशोदा मैया, 

 लेती है बार-बार, उसकी बलैयाँ,

 जन्मा जो मथुरा में, गोकुल गया पाला

गोपाला गोपाला, है वो प्यारा नंदलाला।।


कंस मामा उसका, था अत्याचारी, 

मारा जब उसको, झूमी मथुरा सारी, 

पर्वत को उँगली पर, उसने उठा डाला।

गोपाला गोपाला, है वो प्यारा नंदलाला। 

माखन और मिश्री का, है खाने वाला।। 


  द्रौपदी सभा में, चीख-चीख जब हारी, 

 कृपा की कन्हैया ने, बढ़ती जाए सारी, 

 गीता का उपदेश वही, मोहन, गोपाला। 

 गोपाला गोपाला, है वो प्यारा नंदलाला।।


 गोपाला गोपाला, है वो प्यारा नंदलाला। 

माखन और मिश्री का, है खाने वाला।। 


रचयिता

पूनम गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धनीपुर,
विकास खण्ड-धनीपुर,
जनपद-अलीगढ़।



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