दशहरा

संदेश श्रीरामजी के जीवन का,

सबको मर्यादा का पाठ पढ़ाओ।

राह सरल हो या डगर काँटों भरी,

कर्म-पथ पर आगे बढ़ते जाओ।।


मन में धारण करो धैर्य,

सहनशीलता जीवन में लाओ।

प्रेम, करुणा, दया, सद्भाव संग,

सबके दिलों में बस जाओ।।


हो अन्याय और धर्म कहीं,

चुपचाप मत सहते जाओ।

धर्म स्थापना हेतु बन जनरक्षक,

क्षत्रिय बनकर शस्त्र उठाओ।।


मानव का सब जीवों से नाता,

सब प्राणियों से प्रीत लगाओ।

सद्व्यवहार और सत्कर्म कर,

नित्य प्रेम के दीप जलाओ।।


अपनाकर आदर्श श्रीराम के,

नव आशाओं के दीप जलाओ।

बुराई को हराकर अच्छाइयों से,

दशहरा का पावन पर्व मनाओ।।


रचयिता

अमित गोयल,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय निवाड़ा,

विकास क्षेत्र व जनपद-बागपत।

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