शिक्षक दिवस
हे शिक्षक अब तुम आओ
पुनः राष्ट्र निर्माण करो
धरती पर है संकट छाया
तुम चरित्र निर्माण करो।।
बनकर तुम संस्कृति के रक्षक
जन-जन में प्रचार करो
खो गए जो मूल्य हमारे
उनको तुम जीवंत करो।।
हर बच्चे में हो विवेकानंद
ऐसा चरित्र निर्माण करो
मिले मानवता सबके मन में
सुंदर सारा संसार करो।।
विश्व बंधुत्व का भाव हो सबमें
ऐसा तुम संसार करो
मानवीय मूल्यों हो जागृत
ऐसा तुम प्रयास करो
विद्यालय बन जाए आनंद के घर
ऐसा तुम कुछ कार्य करो
शिक्षक अब तुम जागो
पुनः राष्ट्र निर्माण करो।।
रचनाकार
मृदुला वर्मा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अमरौधा प्रथम,
विकास खण्ड-अमरौधा,
जनपद-कानपुर देहात।
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